CG News : छत्तीसगढ़ की इस महिला डॉक्टर ने बनाया अनोखा रिकाॅर्ड, 100 वें जुड़वा बच्चों की कराई डिलीवरी, अब तक इतने करा चुकी हैं प्रसव.....

छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले ने जुड़वा बच्चों के प्रसव करवाने में मामले में गुरुवार को रिकॉर्ड बना दिया। जिला अस्पताल की स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. विनीता धुर्वे ने महज ढाई साल में 100 से भी ज्यादा जुड़वा प्रसव कराकर रिकॉर्ड बनाया है।

CG News : छत्तीसगढ़ की इस महिला डॉक्टर ने बनाया अनोखा रिकाॅर्ड, 100 वें जुड़वा बच्चों की कराई डिलीवरी, अब तक इतने करा चुकी हैं प्रसव.....
CG News : छत्तीसगढ़ की इस महिला डॉक्टर ने बनाया अनोखा रिकाॅर्ड, 100 वें जुड़वा बच्चों की कराई डिलीवरी, अब तक इतने करा चुकी हैं प्रसव.....

दुर्ग। छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले ने जुड़वा बच्चों के प्रसव करवाने में मामले में गुरुवार को रिकॉर्ड बना दिया। जिला अस्पताल की स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. विनीता धुर्वे ने महज ढाई साल में 100 से भी ज्यादा जुड़वा प्रसव कराकर रिकॉर्ड बनाया है। जिले में एक दम्पति के जुड़वा बच्चों का जन्म होते ही खुशी की लहर दौड़ पड़ी। इस खुशी का कारण डॉ. विनीता धुर्वे का अनोखा रिकॉर्ड था। जिला अस्पताल में पदस्थ डॉ. विनीता ने महज ढाई साल में 100 जुड़वां बच्चों की डिलीवरी कराकर देश में एक रिकॉर्ड बनाया है। हॉस्पिटल के स्टाफ भी डॉक्टर विनीता को जुड़वा बच्चों के डिलीवरी कराने का स्पेशलिस्ट मानते हैं, क्योंकि डॉक्टर ने जुड़वा केस में सबसे अधिक नॉर्मल डिलवरी कराई है। 

बताया जा रहा है कि भिलाई के कैलाश नगर निवासी शेख फैयाज की पत्नी बुशरा परवीन ने जुड़वां बेटियों को जन्म दिया है। डॉ. विनीता धुर्वे दुर्ग जिला अस्पताल की मदर चाइल्ड यूनिट में गायनेकोलाजिस्ट हैं। शुक्रवार को उन्होंने फिर दो जुड़वां बच्चियों की डिलीवरी कराई है। ये उनकी जुड़वां बच्चों की 100वीं डिलीवरी थी। खास बात ये है कि उन्होंने इस दौरान सबसे ज्यादा नॉर्मल डिलीवरी कराई है वहीं, अब तक 14,500 प्रसव करा चुकी हैं।

 
डॉ. विनीता धुर्वे ने इससे पहले 72 जुड़वां बच्चों की डिलीवरी कराकर देश में अनोखा रिकॉर्ड अपने नाम कर किया है। डॉ विनीता धुर्वे ने बताया कि 2003 में रायपुर मेडिकल कॉलेज से MBBS करने के बाद दुर्ग जिले के रसमड़ा, अहिवारा सहित अलग-अलग जगहों पर पदस्थ रही हैं। 2011 से दुर्ग जिला अस्पताल के मैटरनिटी वॉर्ड में अपनी सेवाएं दे रही है। उन्होंने बताया कि 2011 से वे लगातार मैटरनिटी वार्ड में डिलीवरी करा रही थीं। उनकी इस उपलब्धि में उनके स्टाफ का भी पूरा सहयोग मिला। इसी वजह से यह रिकॉर्ड बन पाया है। कभी भी जुड़वां बच्चों की डिलीवरी का केस आता है तो स्टाफ के सभी डॉक्टर उनके पास ही रेफर करते हैं।