CG - छात्रावास में गुंडागर्दी : सीनियरों ने 15 छात्रों को डंडे से पीटा, दहशत में जूनियर स्टूडेंट्स, अधीक्षक के खिलाफ कार्रवाई की मांग....
प्री मेट्रिक छात्रावास दुर्गूकोंदल में बच्चों से मारपीट का मामला सामने आया है। प्री मेट्रिक छात्रावास में 15 बच्चों को डंडे से मारा गया। मारपीट करने वाले कोई और नहीं बल्कि छात्रावास के सीनियर छात्रों ने ही जूनियर छात्रों की पिटाई की है।




कांकेर। प्री मेट्रिक छात्रावास दुर्गूकोंदल में बच्चों से मारपीट का मामला सामने आया है। प्री मेट्रिक छात्रावास में 15 बच्चों को डंडे से मारा गया। मारपीट करने वाले कोई और नहीं बल्कि छात्रावास के सीनियर छात्रों ने ही जूनियर छात्रों की पिटाई की है। घटना शुक्रवार और शनिवार रात्रि की बताई जा रही है।
जानकारी के मुताबिक, सीनियर छात्रों ने जिल्द नहीं देने, कपड़ा सफाई कराने, मच्छरदानी पहले लगाने के नाम पर मारपीट की है, जिससे छात्रावास के बच्चे दहशत में हैं। घटना के दौरान अधीक्षक और चौकीदार भी छात्रावास में ही मौजूद थे, लेकिन दोबारा मारपीट करने की डर से बच्चों ने अधीक्षक और चपरासी को जानकारी नहीं दी। मारपीट का खुलासा तब हुआ जब हास्टल के दो छात्रों ने डर से घर भाग गए और अपने पालकों को मारपीट करने की जानकारी दी।
छात्रावास अधीक्षक सतीश जुर्री ने बताया कि मुझे मारपीट करने की जानकारी बच्चों ने नहीं दी है। आज दो बच्चों के पालक छात्रावास पहुंचे तब मारपीट की घटना की जानकारी हुई। शनिवार को मारपीट करने की बात बच्चों ने बताई। मैं बच्चों से मारपीट करने की घटना से व्यथित हूं। एक बच्चा तत्काल शिकायत करता तो इतनी बड़ी घटना नहीं होती। इधर कक्षा 8वीं के छात्र राहुल वट्टी ने बताया कि मैं जिल्द खरीदी किया, जिसे सीनियर छात्र मांग रहा था। देने के लिए मना किया तो मुझे डंडे से सीनीयर छात्र ने मारा। वहीं कक्षा 8वीं के छात्र एनुस रावटे ने बताया कि मैं और मेरे साथी दोनों पैसे मिलाकर जिल्द खरीदी किए थे। इसे सीनियर छात्र मांग रहा था, नहीं दिए तो मुझे भी 180 डंडा मारे। छात्र नीतेश बघेल को 4 डंडा, योगेश नागवंशी को 40 डंडा पीटा. अन्य छात्रों से भी मारपीट की।
अधीक्षक के खिलाफ कार्रवाई की मांग
मारपीट की घटना से बच्चे काफी भयभीत हैं। इधर मारपीट की घटना की जानकारी होते ही प्रभारी मंडल संयोजक बैजनाथ नरेटी छात्रावास पहुंचकर बच्चों से बयान दर्ज किए। बैजनाथ नरेटी ने कहा, मारपीट की घटना ठीक नहीं है। पालक गुलाब बघेल ने कहा, हमारे बच्चे भागकर नहीं आते तो मारपीट की घटना सामने नहीं आती। मेरे बच्चे को सीनियर छात्र ने 50 डंडा पीटा है। हम अधीक्षक के भरोसे बच्चे को छात्रावास में रखे हैं। अधीक्षक के छात्रावास में रहते 15 बच्चों से मारपीट हुई है। ये बड़ी लापरवाही है। मेरे बच्चे घर आकर नहीं बताते तो दोबारा मारपीट हो सकती थी। मारपीट की घटना की जांच होनी चाहिए। पालक मिलाप बघेल ने कहा कि अधीक्षक की लापरवाही से यह घटना हुई है। मारपीट की घटना को अधिक्षक ने 4 दिन तक छुपाकर रखा। मेरा भतीजा भागकर घर नहीं आता तो दोबारा मारपीट होती। अधीक्षक के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए।