CG पूर्व IAS जीएस मिश्रा भाजपा में हुए शामिल….BJP के राष्ट्रीय अध्यक्ष नड्डा ने किया स्वागत…प्रदेश अध्यक्ष की मौजूगदी में ली सदस्यता…1994 बैच के थे आईएएस…….

CG पूर्व IAS जीएस मिश्रा भाजपा में हुए शामिल….BJP के राष्ट्रीय अध्यक्ष नड्डा ने किया स्वागत…प्रदेश अध्यक्ष की मौजूगदी में ली सदस्यता…1994 बैच के थे आईएएस…….

रायपुर : छत्तीसगढ़ के पूर्व IAS गणेश शंकर मिश्रा ने बीजेपी का दामन थाम लिया है। छत्तीसगढ़ में बतौर IAS कई महत्वपूर्ण पदों पर रहे जीएस मिश्रा ने भाजपा सुप्रीमो जेपी नड्डा की मौजूदगी में भाजपा की सदस्यता दिलायी। जीएस मिश्रा के साथ भाजपा के कई सीनियर लीडर भी मौजूद रहे। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदेव साय के अलावे बिलासपुर सांसद अरूण साव, राजनांदगांव सांसद संतोष पांडेय और पवन साय मौजूद थे।

 

नड्डा ने उन्हें भाजपा का गमछा पहनाकर पार्टी में स्वागत किया.

 

अंचल के स्वतंत्रता संग्राम सेनानी पंडित लखन लाल मिश्र के पुत्र गणेश शंकर मिश्रा का जन्म रायपुर के तिल्दा ब्लाक स्थित ग्राम मूरा में हुआ। परिवार की ख्याति शुरू से ही देशभक्ति और जनसेवा के मूल्यों पर आधारित थी। इन्हीं मूल्यों को साथ कर गणेश शंकर मिश्र ने अपने 36 वर्षीय शासकीय सेवाकाल में देश और प्रदेश में खूब यश अर्जित किया और अनेक अवसरों पर छत्तीसगढ़ को गौरवान्वित किया।

 

रायपुर नगर निगम के अंतिम प्रशासक के तौर पर मिश्रा ने 5 महीने के अन्दर पूरे शहर का कायाकल्प कर डाला था, आज जो घड़ी चौक रायपुर की पहचान बन गया है वो आपकी ही देन है। उस समय युद्ध अभियान चलाकर शहर के 5000 से अधिक बेजा कब्जे हटाये गए जिसके कारण मिश्रा को बुलडोज़र प्रशासक कहा जाने लगा।

 

 

गणेश शंकर मिश्रा सबसे लम्बे समय तक आबकारी और वाणिज्य कर विभाग के संयुक्त रूप से सि रहे, इस दौरान शराबबंदी की दिशा में अब तक की सबसे सार्थक पहल करते हुए ग्राम पंचायत स्तर पर भारत माता वाहिनी का गठन किया, जिसके तहत घर-घर जाकर मदिरापान करने के कारण बर्बाद हो रहे लोगों को एक समूह समझाईश देता था और कभी मदिरा सेवन न करने की शपथ दिलाता था।

 

लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी में सचिव बने तो हर घर नल योजना के अंतर्गत सिर्फ 2 वार्षों में राज्य भर में इतने नल कनेक्शन हुए जितना आज़ादी से 65 वर्ष पश्चात् तक की स्थिति के तुलना से लगभग 5 गुना था। रमन के गोठ कार्यक्रम जो रेडियो में बहुत पसंद किया जाता था, उसकी परिकल्पना भी मिश्र ने ही की अपने शासकीय सेवा के अंतिम पायदान में जब जल संसाधन के प्रमुख सचिव रहे तो मिश्रा ने काम समेटने के बजाये अभियान लक्ष्य भागिरती छेड़ डाला, जिसे वे अपने सभी कार्यों में सबसे ज्यादा महत्वकांक्षी बताते हैं।