होली से पहले भूपेश सरकार खोलेगी खुशियों का पिटारा, महंगाई भत्ते में बढ़ोतरी व कर्मचारियों के नियमितीकरण का कल हो सकता है ऐलान!

होली से पहले भूपेश सरकार खोलेगी खुशियों का पिटारा! Holi se pahle samvida karmachariyo ka hoga niyamitikaran?

होली से पहले भूपेश सरकार खोलेगी खुशियों का पिटारा, महंगाई भत्ते में बढ़ोतरी व कर्मचारियों के नियमितीकरण का कल हो सकता है ऐलान!
होली से पहले भूपेश सरकार खोलेगी खुशियों का पिटारा, महंगाई भत्ते में बढ़ोतरी व कर्मचारियों के नियमितीकरण का कल हो सकता है ऐलान!

नया भारत डेस्क : कल मुख्यमंत्री एक बार फिर मास्टरस्ट्रोक खेल सकते हैं और प्रदेश के अनियमित संविदा और दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों की भी निगाहें इसी पर लगी हुई है।छत्तीसगढ़ में लंबे समय से प्रदर्शन कर रहे सरकारी, नियमित, अनियमित, संविदा, स्वास्थ्य और आंगनबाड़ी कर्मचारियों को भूपेश सरकार होली की बड़ी सौगात देने की तैयारी में है। बताया जा रहा है कि भूपेश सरकार होली से पहले कर्मचारियों की मांग पर मुहर लगाने वाली है। 

 

बता दें कि छत्तीसगढ़ विधानसभा का बजट सत्र चल रहा है। सत्र के दौरान लगातार विपक्ष सरकारी और अनियमित कर्मचारियों से जुड़े मुद्दों को उठा रही है। वहीं, कल विपक्ष ने अनियमित कर्मचारियों के नियमितीकरण को लेकर जमकर हंगामा किया था।कल छत्तीसगढ़ सरकार बजट पेश करेगी और कल कई बड़े ऐलान कर सकती है सरकार।

 

पीसीसी चीफ मोहन मरकाम ने मीडिया से बात करते हुए जानकारी दी थी कि प्रदेश के सरकारी कर्माचारियों के लिए भूपेश सरकार 6 मार्च को खुशियों का पिटारा खोलेगी। उन्होंने बताया कि सरकार होली पर कर्मचारियों को बड़ी सौगात देने की तैयारी कर रही है और इसका जल्द ही ऐलान किया जा सकता है।

नियमितिकरण को लेकर कर्मचारियों का वर्ग पिछले साढ़े चार साल से मुखर है। कई बार धरना-प्रदर्शन भी कर चुका है। यह मांग कांग्रेस पार्टी के घोषणापत्र का एक प्रमुख बिंदु भी था। ऐसे में इनकी मांग पर मुहर लगाना सरकार के लिए जरूरी भी है और चुनाव में जाने से पहले एक बड़ा हथियार भी। क्योंकि यह माना जा रहा है कि इस वर्ग को साधने के बाद सरकार को चुनाव में बड़ा लाभ हो सकता है। प्रदेश में अनियमित कर्मचारियों की संख्या डेढ़ लाख से अधिक बताई जाती है। जिसमें छत्तीसगढ़ के शासकीय विभाग, निगम, मंडल, आयोग, स्वायत्तशासी निकायों में अनियमित कर्मचारी अधिकारी की संख्या 36000 है दैनिक वेतन भोगी, कलेक्टर दर, श्रम आयुक्त दर, अस्थाई श्रमिक की संख्या 18000 है मानदेय पर काम करने वाले श्रमिकों की संख्या 12600 है. अंशकालिक की संख्या 54000 है. ठेका पर काम करने वालों की संख्या 27000 है.