काल बनकर बरसे बादल, 37 की मौत: उत्तराखंड में फंसे CG के 55 टूरिस्ट....CM भूपेश ने दिया ये निर्देश.......भूस्खलन और भारी बारिश के बीच नैनीताल के पास फंसे लोगों को स्कूल में किया गया शिफ्ट.... PHOTOS और VIDEOS में दिखा तबाही का मंज़र.....

काल बनकर बरसे बादल, 37 की मौत: उत्तराखंड में फंसे CG के 55 टूरिस्ट....CM भूपेश ने दिया ये निर्देश.......भूस्खलन और भारी बारिश के बीच नैनीताल के पास फंसे लोगों को स्कूल में किया गया शिफ्ट.... PHOTOS और VIDEOS में दिखा तबाही का मंज़र.....

डेस्क। उत्तराखंड में आसमान से ऐसी आफत बर रही है कि जमीन पर त्राहिमाम मचा है। बारिश के बीच पानी के तेज बहाव की वजह से नदियां उफान पर हैं। भूस्खलन, मकान ढहने, पानी में दौड़ते करंट आदि कारणों से 37 लोगों की मौत हो गई। भिलाई से उत्तराखंड घूमने गए 55 टूरिस्ट तेज बारिश और भूस्खलन में फंस गए हैं। इस बात की जानकारी होने के बाद से राज्य सरकार लगातार उत्तराखंड प्रबंधन से संपर्क में है। दुर्ग कलेक्टर डॉ. एसएन भूरे ने बताया कि सभी 55 टूरिस्ट सुरक्षित हैं। नैनीताल कलेक्टर से बात करके सभी को वहीं एक स्कूल में शिफ्ट कराया गया है। भिलाई से 14 अक्टूबर को 55 लोग उत्तराखंड घूमने के लिए गए थे। ये सभी नैनीताल व आसपास के क्षेत्र में तीन दिनों से हो रही भारी बारिश और भूस्खलन में फंस गए हैं। 

बताया जा रहा है कि सभी टूरिस्ट कसौली से नैनीताल के बीच कैंची धाम के पास फंसे हुए हैं। दुर्ग जिला प्रशासन ने नैनीताल और कसौली के अधिकारियों से चर्चा कर उनकी पूरी जानकारी ली है। दुर्ग कलेक्टर के मुताबिक भिलाई से गए सभी टूरिस्ट सुरक्षित हैं। किसी को कोई जान माल का नुकसान नहीं हुआ है। सभी टूरिस्ट के सुरक्षित एक स्कूल में ठहरा दिया गया है। जैसे ही बारिश रुकती है और रास्ता साफ होता है वह लोग सुरक्षित अपने घर पहुंच जाएंगे। सिंधिया नगर भिलाई के रहने वाले प्रसनजीत दास सिंपलेक्स कास्टिंग कंपनी में काम करते हैं। 

उन्होंने बताया कि उनकी पत्नी सुमन (49 वर्ष) बेटी रितिका (24 साल) और दीशिका (14 साल) सभी सेक्टर 8 में रूही मिश्रा से एरोबिक्स सीखते थे। वहां और भी लोग आते हैं। सभी ने ग्रुप बनाकर नैनीताल का टूर बनाया था। 14 अक्टूबर को 4 बच्चे, 44 महिलाएं व 7 पुरूष सहित 55 लोग घूमने निकले। सभी 14 को दुर्ग स्टेशन से राजधानी एक्सप्रेस में बैठकर दिल्ली पहुंचे फिर वहां से बस कर 15 अक्टूबर को नैनीताल घूमने निकले। नैनीताल घूमने के बाद अगले दिन कसौली गए और कसौली से वापस नैनीताल आ रहे थे। इसी समय रास्ते में कैंची धाम के पास तेज बारिश में यह लोग फंस गए। इनके पास ना अभी खाने के लिए कुछ और ना ही संपर्क का कोई जरिया। इन्हें एक छोटे से स्कूल में शिफ्ट कराया गया है। बारिश और भूस्खलन के कारण कई लोगों को हल्की-फुल्की चोटें भी आई हैं।

उत्तराखंड के तमाम हिस्सों, खासतौर से कुमाऊं क्षेत्र में मूसलाधार बारिश ने तबाही मचा दी है। नैनीताल शहर, राज्य के बाकी हिस्सों से कट गया है। तेज बारिश के चलते कई मकान ढह गए और कई लोग मलबे में फंसे हुए हैं। उत्तराखंड में बीते दो दिनों से लगातार हो रही बारिश के बाद पूरे प्रदेश में तबाही मची है। मौसम विभाग ने आज यानी 19 अक्टूबर के लिए भी भारी बारिश (Heavy Rainfall) का ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। कई जिलों में भारी बारिश के साथ ही उत्तरकाशी, चमोली, रुद्रप्रयाग, बागेश्वर, पिथौरागढ़ के 3500 मीटर से ऊंचे इलाकों में बर्फबारी की भी चेतावनी है। नैनीताल जिले के पर्वतीय क्षेत्रों में बारिश के बाद आई आपदा में नौ मजदूर एक ही घर में जिंदा दफन हो गए, जबकि दीवार ढहने से पांच मजदूरों की दर्दनाक मौत हुई है और दो लोग पहाड़ी से मलबा गिरने से मर गए। 

एक अन्य घटना में घर में मलबा आने से 10 लोग मर गए हैं। भारी बारिश के बाद अलग-अलग जगहों में आई आपदा में अब तक 37 लोगों की मौत हो चुकी है। प्रशासन ने चारधाम यात्रा के लिए आए तीर्थयात्रियों को हरिद्वार और ऋषिकेश में रोक दिया है। मौसम साफ होने के बाद ही उन्हें केदारनाथ, बदरीनाथ के लिए रवाना किया जाएगा। भारी बारिश से सड़कों पर बाढ़ जैसे हालात हैं। ट्रैक्टर से लेकर कार तक सब कुछ पानी में बहता दिखाई दे रहा है। उत्तराखंड में आसमान से ऐसी आफत बर रही है कि जमीन पर त्राहिमाम मचा है। बारिश के बीच पानी के तेज बहाव की वजह से नदियां उफान पर हैं। ऋषिकेश में जहां गंगा की लहरें गोता लगा रही हैं, वहीं नैनीताल में झील का पानी माल रोड तक आ पहुंचा है। गंगा और उसकी सहायक नदियां रौद्र रूप में हैं।