गुजरात दंगे को लेकर अमित शाह ने तीस्ता सीतलवाड़ के NGO को लगाई फटकार, कहा-'इन्होंने आरोपों का खूब किया प्रचार'.

Amit Shah reprimands Teesta Setalvad's NGO over Gujarat riots

गुजरात दंगे को लेकर अमित शाह ने तीस्ता सीतलवाड़ के NGO को लगाई फटकार, कहा-'इन्होंने आरोपों का खूब किया प्रचार'.
गुजरात दंगे को लेकर अमित शाह ने तीस्ता सीतलवाड़ के NGO को लगाई फटकार, कहा-'इन्होंने आरोपों का खूब किया प्रचार'.

NBL, 25/06/2022, Lokeshwer Prasad Verma,. Amit Shah reprimands Teesta Setalvad's NGO over Gujarat riots, says- 'they publicized the allegations a lot'

2002 के गुजरात दंगों के मामले में विशेष जांच दल (एसआईटी) द्वारा प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी को दी गई क्लीन चिट को सुप्रीम कोर्ट द्वारा शुक्रवार को बरकरार रखने के बाद, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शनिवार को तीस्ता सीतलवाड़ द्वारा संचालित एनजीओ को गुजरात दंगों के बारे में निराधार जानकारी प्रदान करने के लिए फटकार लगाई। अमित शाह ने एनजीओ की मदद करने के लिए यूपीए सरकार पर हमला बोला, पढ़े विस्तार से... 

अमित शाह ने एक विशेष साक्षात्कार में एएनआई को बताया, "मैंने फैसले को बहुत ध्यान से पढ़ा है। फैसले में स्पष्ट रूप से तीस्ता सीतलवाड़ के नाम का उल्लेख है। उनके द्वारा चलाए जा रहे एनजीओ - मुझे एनजीओ का नाम याद नहीं है - ने पुलिस को दंगों के बारे में आधारहीन जानकारी दी थी। गुजरात दंगों को रोकने के लिए पुलिस और अधिकारियों के कथित कुछ न कर पाने के सवाल पर गृह मंत्री ने कहा कि BJP विरोधी राजनीतिक पार्टियां, कुछ विचारधारा के लिए राजनीति में आए पत्रकार और NGO ने मिलकर आरोपों का इतना प्रचार किया और इसका इकोसिस्टम इतना मजबूत था कि लोग इनको ही सत्य मानने लगे।

शाह ने कहा, "गुजरात में हमारी सरकारी थी लेकिन यूपीए की सरकार ने NGO की मदद की है। सब जानते हैं कि ये केवल मोदी जी की छवि खराब करने के लिए किया गया था।"

दंगों की जांच में एनजीओ की भूमिका पर बोलते हुए केंद्रीय गृहमंत्री ने कहा, "आज सुप्रीम कोर्ट ने ये भी कहा कि जाकिया जाफरी किसी और के निर्देश पर काम करती थी। एनजीओ ने कई पीड़ितों के हलफनामे पर हस्ताक्षर किए और उन्हें पता भी नहीं है। सब जानते हैं कि तीस्ता सीतलवाड़ की NGO ये सब कर रही थी और उस समय की आई यूपीए की सरकार ने NGO की बहुत मदद की है।" उन्होंने कहा कि BJP विरोधी राजनीतिक पार्टियां,कुछ विचारधारा के लिए राजनीति में आए पत्रकार और NGO ने मिलकर आरोपों का इतना प्रचार किया और इसका इकोसिस्टम इतना मजबूत था कि लोग इनको ही सत्य मानने लगे।

जकिया जाफरी की दलील.. 

न्यायमूर्ति एएम खानविलकर की अध्यक्षता वाली तीन-न्यायाधीशों की पीठ ने गुजरात दंगों के मामले में प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी को विशेष जांच दल की 2012 की क्लीन चिट को बरकरार रखते हुए कहा कि मामले में सह-याचिकाकर्ता सीतलवाड़ ने जकिया जाफरी की भावनाओं का शोषण किया।

न्यायाधीशों ने कहा, "प्रक्रिया के इस तरह के दुरुपयोग में शामिल सभी लोगों को कटघरे में खड़ा होना चाहिए और कानून के अनुसार आगे बढ़ना चाहिए," यह कहते हुए कि अपील "किसी के हुक्म" के तहत दायर की गई थी।