357 करोड़ कैश बरामद : कारोबारी के ठिकाने से इनकम टैक्स को मिला कुबेर का खजाना.... 125 KG सोना,500 चाबियां….357 करोड़ कैश के अलावे करोड़ों की ज्वेलरी बरामद.... दीवार में चुनवा रखी थी तिजोरी......जानें कौन हैं पीयूष जैन जो आज भी चलते हैं पुराने स्कूटर से……

357 करोड़ कैश बरामद : कारोबारी के ठिकाने से इनकम टैक्स को मिला कुबेर का खजाना.... 125 KG सोना,500 चाबियां….357 करोड़ कैश के अलावे करोड़ों की ज्वेलरी बरामद.... दीवार में चुनवा रखी थी तिजोरी......जानें कौन हैं पीयूष जैन जो आज भी चलते हैं पुराने स्कूटर से……

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रायपुर 27 दिसंबर 2021। इनकम टैक्स विभाग की छापेमारी में कारोबारी के ठिकाने से 357 करोड़ रुपये कैश मिलेहैं। वहीं करोड़ों के ज्वेलरी भी मिले हैं। मामला यूपी के कन्नौज के इत्र कारोबारी पीयूष जैन का है। कानपुर से इत्र कारोबारी जैन को बेहिसाब संपत्ति के मामले में गिरफ्तार किया है। जानकारी मिल रही है कि इससे भी ज्यादा रकम की बरामदगी हो सकती है। अब तक की छापेमारी के दौरान उनके पास से 357 करोड़ कैश और ज्वेलरी बरामद की गई है। गुरुवार को जीएसटी इंटेलिजेंस महानिदेशालय यानी डीजीजीआई और आयकर विभाग की टीम ने कन्नौज के इत्र कारोबारी पीयूष जैन के कानपुर वाले घर पर छापा मारा था. इस दौरान अलमारियों में इतने पैसे मिले थे कि नोट गिनने की मशीनें बुलाई गईं. कुल आठ मशीनों के जरिए पैसे को गिना गया था.

शहर के छिपट्टी मोहल्ला निवासी इत्र एवं कंपाउंड कारोबारी पीयूष जैन के घर शुक्रवार शाम करीब चार बजे जीएसटी इंटेलिजेंस की टीम ने छापा मारा था। घर पर फ्रिंगर प्रिंट वाले लॉकर हैं। इन्हें खोलने लिए पीयूष को ले जाया गया। टीम ने कुछ लॉकरों को कटर और डुप्टीकेट चाबी से भी खोला है। पुलिस गैस वेल्डिंग कटर और डुप्लीकेट चाबी बनाने वाले कारीगरों को लेकर पीयूष के घर पहुंची। घर में लॉकर और दीवारों के तोड़ने की आवाज आती रही।

अभी तक जांच अफसरों को 500 चाबियां मिलीं लेकिन ताले 109 हैं। 257 करोड़ कैश, 125 किलो सोना और अरबों की संपत्ति के दस्तावेज मिले हैं। डीजीजीआई के छापे में अभी तक करीब 1000 करोड़ रुपये की संपत्ति का खुलासा हो चुका है। बैंक के 10 स्टाफ विजिलेंस टीम की निगरानी में सोमवार की सुबह करीब 10:30 बजे पीयूष जैन के घर पर पहुंचे। उन्हें घर के पिछले हिस्से के रास्ते से अंदर ले जाया गया है। हालांकि रकम कितनी है इसकी तस्वीर गिनती पूरी होने के बाद ही साफ हो सकेगी। पीयूष जैन के घर पहुंचे बैंक के अफसरों से जानकारी की गई तो उन्होंने पहले तो कुछ बताने से इनकार किया। लेकिन यह जरूर कहा कि शाम तक का समय लग सकता है।

छापों में नकदी और गोल्ड के साथ बड़ी संख्या में प्रॉपर्टी के भी दस्तावेज मिलने शुरू हो गए हैं। अभी तक कानपुर में चार, कन्नौज में सात, मुंबई में दो, दिल्ली में एक और दुबई में दो प्रॉपर्टी सामने आई हैं। इनमें लगभग सभी संपत्तियां सर्वाधिक पॉश इलाकों में खरीदी गई हैं।

 

कन्नौज में पीयूष के घरों की दीवारें सोना उगल रही हैं जबकि जमीन से कैश के बंडल निकल रहे हैं। छिपट्टी स्थित उनके तिलिस्मी मकान में रविवार शाम तक 125 किलो सोना मिल चुका था। इसे लैपटॉप बैग से कुछ बड़े बीस बैगों में सीज किया गया है। नौ बोरों में नकदी भरी मिली। 50 से ज्यादा झोलों में डीजीजीआई अफसरों ने 350 फाइलें और 2700 दस्तावेजों को भरा है। कैश पीयूष के बेडरूम में बेड के अंदर से बरामद किया गया है। कमरे में ही बेड के नीचे लॉकर भी मिले हैं।

 

डीजीजीआई अफसरों को कन्नौज स्थित परिसरों से 500 चाबियां मिली हैं। ताले खोलने में विजिलेंस टीम को काफी मशक्कत करनी पड़ रही है। पहले चार घंटे तक चाबियों को लगाया गया लेकिन असफल रहने पर एक दर्जन कारीगरों को बुलाकर ताला तोड़ने में मदद ली गई। कारीगरों को अलग-अलग जगहों से लाया गया। जिनके ताले नहीं टूटे, उन्हें कटर से कटवाया गया।

डीजीजीआई अफसरों को कन्नौज स्थित परिसरों से 500 चाबियां मिली हैं। ताले खोलने में विजिलेंस टीम को काफी मशक्कत करनी पड़ रही है। पहले चार घंटे तक चाबियों को लगाया गया लेकिन असफल रहने पर एक दर्जन कारीगरों को बुलाकर ताला तोड़ने में मदद ली गई। कारीगरों को अलग-अलग जगहों से लाया गया। जिनके ताले नहीं टूटे, उन्हें कटर से कटवाया गया।

पीयूष जैन के किलेनुमा घर की दीवारों को तोड़ने और जमीन की खुदाई में जांच टीम को बड़ी सफलता मिली। यही वजह है कि दो दिन से परिसरों को लगातार तोड़ा जा रहा है। अब तहखाने, दीवारें, चैंबर के नीचे गुप्त खजाने की खोज की जा रही है। टीम को अंदेशा है कि दीवारों के बीच या जमीन के नीचे तिजोरियां हैं। टीम के सूत्रों के मुताबिक कि यही हाल रहा तो पूरा घर खोदना पड़ेगा। इसे देखते हुए एक्सरे मशीन मंगाई है। साथ ही जमीन व दीवारों के पीछे कीमती चीजें खोजने के लिए पुरातत्व विशेषज्ञों की टीम की भी मदद मांगी गई है। 

कौन हैं पीयूष जैन? 

पीयूष जैन मूलरूप से कन्नौज के छिपट्टी मोहल्ले का रहने वाला है. वो कन्नौज में आज भी अपने पुराने स्कूटर से चलते हैं. उनके कन्नौज के घर में एक पुरानी क्वालिस और एक मारुति कार है. वो बहुत ही साधारण आम आदमी की तरह रहते हैं और मोहल्ले में भी किसी से ज्यादा बात नहीं करते हैं. लोगों के मुताबिक, पीयूष के पिता महेश चंद्र जैन पेशे से केमिस्ट हैं. महेश से ही उनके बेटों पीयूष और अंबरीष ने इत्र और खाने-पीने की चीजों में मिलाए जाने वाले एसेंस बनाने का तरीका सीखा.

15 सालों में तेजी से फैलाया कारोबार 

पिछले 15 सालों में पीयूष ने अपने कारोबार को तेजी से फैलाया. अब कानपुर से लेकर मुंबई और गुजरात में भी उसका कारोबार है. कारोबार बढ़ा तो आसपास के 2 मकानों को खरीदकर पीयूष ने अपना आलीशान मकान बनवाया. पीयूष का घर कुछ इस तरह से बना है कि करीब 700 वर्ग गज के मकान में दूसरे मकानों से बालकनी के अलावा कुछ नहीं दिखता. हालांकि मकान में पीयूष के पिता महेश चंद्र जैन और उनका स्टाफ रहता है. पीयूष और उनका भाई अंबरीष यहां अक्सर आते-जाते रहते हैं. पीयूष और अंबरीष के 6 बेटे-बेटियां हैं. सभी कानपुर में पढ़ते हैं.