CG बड़ी खबर: युवा कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव पर ठगी का आरोप.... नौकरी लगाने के नाम पर ठगे 5 लाख से ज्यादा की रकम.... हॉस्टल वार्डन के पदों पर नौकरी लगाने का दिया था झांसा.... युवकों ने आत्महत्या की दी चेतावनी.....

CG बड़ी खबर: युवा कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव पर ठगी का आरोप.... नौकरी लगाने के नाम पर ठगे 5 लाख से ज्यादा की रकम.... हॉस्टल वार्डन के पदों पर नौकरी लगाने का दिया था झांसा.... युवकों ने आत्महत्या की दी चेतावनी.....


दुर्ग। युवा कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव मोहम्मद शाहिद पर धोखाधड़ी का आरोप लगा है। खुर्सीपार थाने में शिकायत की गई है। आरोप है कि युवा कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव मोहम्मद शाहिद ने नौकरी लगाने के नाम पर साढ़े पांच लाख रुपए लिए थे। मोहम्मद शाहिद ने न नौकरी लगवाया और न ही पैसे वापस किए। पैसे मांगने पर धमकी देने का भी आरोप हैं।

 

मामले में थाने मे लिखित शिकायत दर्ज करायी है। शिकायत के बाद पुलिस इस मामले की जांच में जुट गयी है। घटना खुर्सीपार भिलाई का है। अश्विनी कुमार और उसके दोस्तों ने युवा कांग्रेस राष्ट्रीय सचिव मोहम्मद शाहिद पर ये आरोप लगाया है।

 


अखिल भारतीय युवा कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव मोहम्मद शाहिद पर आरोप है कि 2016 में युवकों की मुलाकात राष्ट्रीय सचिव मोहम्मद शाहिद से हुई थी। इस दौरान शाहिद ने अपनी उची पहुंच बताकर सीजी व्यापाम द्वारा निकली हास्टल वार्डन के पदों पर नौकरी लगाने की बात कही। साथ ही एक एक युवकों से दो दो लाख मांगे। 

 

राष्ट्रीय सचिव मोहम्मद शाहिद की बातों में आकर युवकों ने अलग अलग किस्तों में 5 लाख 35 हजार नगद दे दिये। काफी दिन बीतने के बाद भी जब नौकरी नहीं मिली तो पीड़ित युवकों ने अखिल भारतीय युवा कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव मोहम्मद शाहिद से दिये हुये पैसे वापस मांगे, लेकिन पैसे वापस नहीं मिले। 

 

ऐसे ही चार साल बीत गये लेकिन अखिल भारतीय युवा कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव मोहम्मद शाहिद ने पैसे वापस नहीं किये। इस बात से परेशान युवकों ने अब इस मामले में अखिल भारतीय युवा कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव मोहम्मद शाहिद के खिलाफ लिखित शिकायत खुर्सीपार थाने में दर्ज करायी है। 

 

छात्र का आरोप पढ़े

 

अश्विनी कुमार कौशल और भूपेन्द्र कुमार देवांगन नाम के युवकों ने खुर्सीपार के थाना प्रभारी को नौकरी लगाने के लिए पैसे लेकर वापस न करने के संबंध में एफ.आई.आर. दर्ज करने बाबत पत्र लिखा है जिसमे उन्होंने कहा है कि मेरा नाम अश्विनी कुमार कौशल पिता परमानंद कौशल पता 4 / एफ सड़क 27 जोन-2 वार्ड 30 खुर्सीपार भिलाई का निवासी हूँ। मेरी कॉलेज की पढ़ाई के समय कल्याण कॉलेज सेक्टर-7 भिलाई में दोस्तों के साथ मो. शाहीद पिता-रफुल आजम से हुई. जो मस्जिद के सामने सेक्टर 2 मिलाई में रहते हैं, उनसे जान पहचान हुई, और कॉलेज कैम्पस में मुलाकात होते रहती थी। 

सन 2016 में सीजी व्यापम द्वारा छात्रावास अधीक्षक (हास्टल वार्डन) की सरकारी नौकरी निकली। मो. शाहीद द्वारा अपनी उंची पहूंच बताते हुए मुझे और मेरे दोनो साथियों मदन कुमार कौशल पिता डालाराम कौशल निवासी सिंघनपुरी वार्ड 10 बेमेतरा और भूपेन्द्र कुमार देवांगन पिता-देवदास देवांगन पत्ता म.नं. 290 वार्ड 25 संतोषी पारा कैंप 2 भिलाई को सरकारी नौकरी लगाने की बात कही और कहा कि एक आदमी का 4 लाख रूपये में हास्टल वार्डन की नौकरी लग जायेगी। 

इसके लिए 2 लाख रूपये एडवांस और 2 लाख रूपये नौकरी लगने के बाद देने पर काम होने की बात की। मैनें मेरे साथी मदन कुमार कौशल और भूपेन्द्र के साथ नौकरी के लिए पैसे की व्यवस्था की हम तीनों ने 5 लाख 35 हजार रूपये नगद एडवांस के तौर पर मेरे घर पर मेरे मां-बाप और भूपेन्द्र के पिताजी देवदास देवांगन के सामने मो. शाहीद और जुल्फीकार निवासी-सेक्टर 7 भिलाई को दिए और उन्होंने नौकरी लग जाने के बाद बाकी पैसे देने की बात की।

रिजल्ट आने पर मेरे एवं मेरे साथियों के द्वारा नौकरी नहीं लगने की जानकारी मो. शाहीद को फोन पर दी गई और पैसे की मांग की गई, जिस पर उन्होंने पैसे वापस करने की बात कहीं। मेरे द्वारा लगातार मो. शाहीद के घर सेक्टर-2 जाकर पैसे की मांग की जा रही है। इसके अलावा मो. शाहीद को व्हाटसप में मैसेज कर टैक्स्ट मैसेज कर एवं फोन के माध्यम से मेरे पैसे वापस करने की गुहार कर रहा हूँ। 

उनके सामने अपने ही पैसे मांगने के लिए गिडगिडा रहा हूं। पैसे नहीं मिलने पर मेरे मां-बाप बहोत परेशान है, और लगातार मुझे पैसे निकलवाने की बात करते है। मै मो. शाहीद से अपने ही पैसे मांग मांग कर पिछले 4 सालों से मानसिक रूप से परेशान हो चुका हूं। मेरी जितने भी पैसे जमा किये। थे, इस नौकरी के लिए मो. शाहीद को दे दिए। आज यह स्थिति हो गई है कि मेरे पास खाने के लाले पड़ गए है।

अतः आपसे निवेदन है कि मो. शाहीद एवं अनके साथी जुल्फीकार के उपर आवश्यक कार्यवाही कर मेरे पैसे वापस दिलाने का कष्ट करेंगे, अन्यथा मेरे पास आत्महत्या के अलावा और कोई रास्ता नहीं बचेगा।