सुप्रीम कोर्ट ब्रेकिंग : सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फ़ैसला!…आर्य समाज की ओर से जारी विवाह प्रमाण पत्र को कानूनी मान्यता देने से सुप्रीम कोर्ट का इनकार….

Supreme Court's big decision!… Supreme Court refuses to give legal recognition to marriage certificate issued by Arya Samaj सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को आर्य समाज की ओर से जारी विवाह प्रमाण पत्र को कानूनी मान्यता देने से इनकार कर दिया

सुप्रीम कोर्ट ब्रेकिंग : सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फ़ैसला!…आर्य समाज की ओर से जारी विवाह प्रमाण पत्र को कानूनी मान्यता देने से सुप्रीम कोर्ट का इनकार….
सुप्रीम कोर्ट ब्रेकिंग : सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फ़ैसला!…आर्य समाज की ओर से जारी विवाह प्रमाण पत्र को कानूनी मान्यता देने से सुप्रीम कोर्ट का इनकार….

Supreme Court's big decision!… Supreme Court refuses to give legal recognition to marriage certificate issued by Arya Samaj

नया भारत डेस्क 3 जून 2022। सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को आर्य समाज की ओर से जारी विवाह प्रमाण पत्र को कानूनी मान्यता देने से इनकार कर दिया. जस्टिस अजय रस्तोगी और जस्टिस बीवी नागरत्ना की पीठ ने कहा कि आर्य समाज का काम और अधिकार क्षेत्र विवाह प्रमाण पत्र जारी करना नहीं है. विवाह प्रमाण पत्र जारी करने का ये काम तो सक्षम प्राधिकरण ही करते हैं. कोर्ट के सामने असली प्रमाण पत्र प्रस्तुत किया जाए. (Supreme Court refuses to give legal recognition to marriage certificate issued by Arya Samaj)

मामला प्रेम विवाह का है. लड़की के घरवालों ने नाबालिग बताते हुए अपनी लड़की के अपहरण और रेप की एफआईआर दर्ज करा रखी थी. लड़की के घर वालों ने युवक के खिलाफ भारतीय दंड विधान की धारा 363, 366, 384 , 376(2) (n) के साथ 384 के अलावा पॉक्सो एक्ट की धारा 5(L)/6 के तहत मामला दर्ज किया.

वहीं, युवक का कहना था कि लड़की बालिग है. उसने अपनी मर्जी और अधिकार से विवाह का फैसला किया है. आर्य समाज मंदिर में विवाह हुआ. युवक ने मध्य भारतीय आर्य प्रतिनिधि सभा की ओर से जारी विवाह प्रमाण पत्र भी प्रस्तुत किया. सुप्रीम कोर्ट ने इसे मानने से इनकार कर दिया. (Supreme Court refuses to give legal recognition to marriage certificate issued by Arya Samaj)

इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने अप्रैल में मध्य प्रदेश हाई कोर्ट के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई करने को हामी भर दी थी. तब जस्टिस केएम जोसेफ और जस्टिस हृषिकेश रॉय ने आर्य प्रतिनिधि सभा से स्पेशल मैरिज एक्ट 1954 की धाराओं 5, 6, 7 और 8 प्रावधानों को अपनी गाइड लाइन में एक महीने के भीतर अपने नियमन में शामिल करे. (Supreme Court refuses to give legal recognition to marriage certificate issued by Arya Samaj)