छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग के तत्वधान में आयोजित प्रदेश स्तरीय सह कार्यशाला मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के मुख्य आतिथ्य में हुआ संपन्न......




छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग के तत्वधान में आयोजित प्रदेश स्तरीय सह कार्यशाला मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के मुख्य आतिथ्य में हुआ संपन्न।
महिलाओं का आर्थिक रूप से सक्षम होना जरूरी, राज्य सरकार नई-नई रोजगार मूलक योजनाएं कर रही है लागू : मुख्यमंत्री भूपेश बघेल
मुख्यमंत्री ने किया छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग द्वारा आयोजित 'विधिक जागरूकता प्रशिक्षण शिविर सह कार्यशाला' का शुभारंभ
ऑनलाइन शिकायतों के लिए बनाया गया मोबाइल एप "छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग" लॉन्च किया
मुख्यमंत्री महतारी न्याय रथ के माध्यम से लोगों को ऑन द स्पॉट नियमों की जानकारी के साथ मिल रहा है न्याय
प्रकरणों के त्वरित निराकरण में सहयोग के लिए जिलों के कलेक्टर, एसपी, डीपीओ और प्रशिक्षक मुख्यमंत्री के हाथों हुए सम्मानित
छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ किरणमई नायक ने स्वागत उद्बोधन में आयोग द्वारा किए गए दो वर्षों के उपलब्धि की जानकारी दी।
रायपुर, 12 मार्च 2023/ मुख्यमंत्री भूपेश बघेल आज राजधानी रायपुर स्थित पं.दीनदयाल उपाध्याय ऑडिटोरियम में छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग द्वारा आयोजित 'विधिक जागरूकता प्रशिक्षण शिविर सह कार्यशाला' का शुभारंभ किया। इस अवसर पर महिला एवं बाल विकास मंत्री अनिला भेंड़िया, छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ. किरणमयी नायक और छत्तीसगढ़ बाल संरक्षण आयोग की अध्यक्ष तेजकुंवर नेताम भी उपस्थित रहीं।
मुख्यमंत्री ने प्रशिक्षण शिविर सह कार्यशाला का छत्तीसगढ़ महतारी के छायाचित्र पर माल्यार्पण, दीप प्रज्वलन एवं राज्यगीत के साथ शुभारंभ किया।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री बघेल का स्वागत छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ किरणमयी नायक ने राजकीय गमछे और औषधीय महत्व वाले सीता अशोक के पौधे से किया गया।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने महिला आयोग की स्मारिका एवं ऑनलाइन शिकायतों के लिए बनाए गए मोबाइल एप "छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग" लॉन्च किया। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने सभी लोगों को महिलाओं को अधिकार सम्पन्न, सुरक्षित, सशक्त बनाने की शपथ दिलायी।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इस अवसर पर कहा कि महिलाओं से जुड़े विभिन्न विषयों पर अपने दायित्वों का निर्वहन कर रहे लोगों की कार्यकुशलता इस कार्यशाला से और अधिक निखरेगी। साथ ही बेहतर तालमेल और सहयोग से लक्ष्यों को और अधिक तेजी से हासिल किया जा सकेगा। इस कार्यशाला में जो मास्टर ट्रेनर्स तैयार किए जाएंगे, वे महिलाओं के खिलाफ होने वाले अपराधों की रोकथाम में अपनी प्रभावी भूमिका निभाएंगे। मानव तस्करी, साइबर अपराध और कार्य स्थल पर लैंगिक उत्पीड़न जैसे अत्यंत संवेदनशील विषयों पर यह कार्यशाला केंद्रित है।
मुख्यमंत्री बघेल ने आगे कहा कि आज हो रहे अपराधों के पीछे गरीबी, अशिक्षा, अज्ञानता है। मानव तस्करी को रोकने में आर्थिक शैक्षणिक रूप से सरकार काम कर रही है, पुलिस अधिकारियों की सजगता से मानव तस्करी में बड़ी गिरावट आई है, लेकिन इतना काफी नहीं है, मानव तस्करी होना ही नहीं चाहिए। साइबर क्राइम भी बढ़ रहा है, हमारे छत्तीसगढ़ में भोले-भाले लोग हैं, इसलिए जरूरी है कि इन्हें जागरूक किया जाए, हमारी सरकार इस दिशा में भी काम कर रही है। महिलाओं के लिए आर्थिक स्वतंत्रता बहुत महत्वपूर्ण है, इसलिए हमने छोटी-छोटी योजनाओं का जमीनी स्तर पर प्रभावी संचालन किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि महिलाओं को आर्थिक रूप से सक्षम होना जरूरी है। इसके लिए सरकार नई-नई योजनाएं लागू कर रही है। कोरोना काल में लोगों को राहत देने के लिए चावल वितरण के साथ मनरेगा के कार्य प्रारंभ किए गए। लोगों को आर्थिक रूप से सक्षम करने समूह के माध्यम से कार्ययोजना बनाई गई है। आज महिलाएं गौठानों में वर्मी कंपोस्ट,पेंट बनाने और साग सब्जी का उत्पादन कर आर्थिक रूप से स्वावलंबी हो रही है। इसी तरह ग्रामीण युवाओं को रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने रीपा की स्थापना की जा रही है। इससे पारंपरिक कार्यों के साथ नए कार्यों को प्रोत्साहित किया जाएगा। समाज को आगे और आधुनिक समय के साथ कदम से कदम मिला कर चलने के लिए विधिक जानकारी जरूरी है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि संविधान ने हमें अधिकार सम्पन्न बनाया है, शासन की कल्याणकारी योजनाएं हमारे लिए हैं, सभी को अपने अधिकार और दायित्वों की जानकारी हो यह जरूरी है, इसलिए राज्य महिला आयोग द्वारा मुख्यमंत्री महतारी न्याय रथ का संचालन किया जा रहा है।उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री महतारी न्याय रथ के माध्यम से लोगो को ऑन द स्पॉट नियमो की जानकारी के साथ न्याय भी दिलाया गया। महिला आयोग की कार्यप्रणाली में आधुनिक तकनीकों का भी उपयोग किया जा रहा है,जिससे प्रकरणों का निराकरण शीघ्र किया जा सके।लोगो को जागरूक करने करने के लिए शॉर्ट फिल्मों के अतरिक्त विषय विशेषज्ञों के माध्यम से संभागस्तरीय प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है।
महिला एवं बाल विकास मंत्री अनिला भेंड़िया ने कहा कि समय के अनुरूप महिलाओ और बच्चियों को अपने अधिकारों के प्रति जागरूक होना जरूरी है।आयोग इनके लिए जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन करता है। महिलाओं को तत्काल न्याय दिलाने के लिए महतारी रथ का परिभ्रमण पूरे राज्य में कराया जा रहा है।आज महिलाओं के आत्मसम्मान में वृद्धि हुई है।
महिलाएं स्वयं जागरूक हो और अन्य को भी जागरूक करें।अपराध को नियंत्रित करने सभी को सहयोग करना होगा।प्रदेश की महिलाओं की दशा और दिशा को बदलने के लिए विधिक जागरूकता अति आवश्यक है।वर्तमान में महिलाएं आजीविका के सभी क्षेत्रों में अपना योगदान दे रही है और आत्मनिर्भर बन रही है।
छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ. किरणमयी नायक ने आयोग के कार्यकाल से अवगत कराते हुए कहा कि कार्यकाल में आयोग ने राज्य के सभी जिलों में सुनवाई करते हुए प्रताड़ित महिलाओ को न्याय दिलाया। आयोग ने प्रशासन के सहयोग से सभी कार्यों को सफलतापूर्वक किया।
1. छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग की स्थापना वर्ष 24.03.2001 को हुई थी और कांग्रेस की सरकार बनने के पश्चात् दिनांक 23.07.2020 से मुझे आपने छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग की जिम्मेदारी दिया तथा जुलाई 2021 में हमारे 4 सदस्यों की नियुक्ति हुई थी और पांचवीं सदस्य की नियुक्ति नवम्बर 2022 में हुई। वर्तमान में हमारी एक सदस्य सुश्री शशिकांता राठौर का निधन जनवरी 2023 में हो गया है। वर्तमान में एक सदस्य का पद रिक्त है।
2. जुलाई 2020 से लेकर अब तक आयोग के द्वारा लगभग 162 दिन तक संपूर्ण छत्तीसगढ़ में जन सुनवाईयां किया जा चुका है जिसमें 1561 मामले पूरी तरह निराकृत कर दिया गया है और 3000 से अधिक मामलों में लगभग साढ़े छः परिवारों के मामलों को विस्तार से सुना गया है।
3. छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग का नाम गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज है और राष्ट्रीय महिला आयोग में राष्ट्रीय स्तर पर सराहना मिल चुकी है तथा दादा साहब फाल्के पुरस्कार भी दिया जा चुका है।
4. छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग कार्यालय का स्थानांतरण शासकीय बिल्डींग में कराया गया है, जिससे 6 लाख रूपये का बचत किया गया है और शहर के हृदय स्थल में कार्यालय होने से अधिकांश महिलाओं को सरल और सुगम तरीके से अपनी शिकायत दर्ज कराकर निःशुल्क एवं त्वरित न्याय मिलना आसान हो गया है।
5. आयोग को दीवानी न्यायालय के अधिकार प्राप्त है जिसके सुचारू रूप से क्रियान्वयन के लिये जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन का सहयोग अब तक मिलता आ रहा है। इसलिये महिला आयोग सम्पूर्ण जिले के पुलिस अधीक्षक, कलेक्टरों, जिला कार्यक्रम अधिकारियों का सम्मान करा रहे हैं क्योंकि इन सभी के सम्पूर्ण प्रयास से पीड़ित महिलाओं को निःशुल्क और त्वरित न्याय मिलना संभव हो सका है।
6. 2020 से अब तक लगभग 10 माह का समय कोविड में कोरोना और लॉकडाउन के कारण महिला आयोग कार्य नहीं कर सके और आयोग के बजट में कटौती भी हुई। तब माननीय मुख्यमंत्री जी ने आयोग के लिये विशेष सहयोग किया और DMF की पॉलिसी में महिला आयोग को राशि स्वीकृत करने के लिये प्रदेश की पॉलिसी में बदलाव किया जिसके पश्चात् सभी जिला कलेक्टरों ने DMF की राशि सीधे आयोग को भेजा और फिर महिला आयोग ने एक विशिष्ट योजना पर कार्य किया जिसका नाम है "मुख्यमंत्री महतारी न्याय रथ"।
7. "मुख्यमंत्री महतारी न्याय रथ" क्या है ? छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग ने एक बड़ी LED TV के साथ एक मुख्यमंत्री महतारी न्याय रथ तैयार करवाया है इस TV के माध्यम से महिलाएं कानूनों के संबंध में और अपराधों से बचाव के क्या तरीके हो सकते है और महिलाओंको अपना बचाव कैसे करना है। इन बिन्दुओं पर बनी हुई जागरूकता की शॉर्ट फिल्में जो कि हिन्दी और छत्तीसगढ़ी भाषा में है। इन शॉर्ट फिल्मों को राष्ट्रीय विधिक फिल्म महोत्सव में पुरस्कृत भी किया जा चुका है। यह शॉर्ट फिल्में 5-10 मिनट की है जिनके माध्यम से जागरूकता का कार्यक्रम चलाया जा रहा है और जिलों से मिली हुई राशि को उन्हीं जिलों में खर्च भी किया जा रहा है। अब तक 4 संभाग (रायपुर बिलासपुर, दुर्ग, सरगुजा में कुल 155 दिन कुल 17 जिलों में 775 गांवों पर मुख्यमंत्री महतारी न्याय रथ के माध्यम से महिलाओं को जागरूक करने का कार्य महिला आयोग के द्वारा कराया जा रहा है।
8. महिला आयोग के सदस्यों की नियुक्ति के पश्चात् आयोग त्वरित रूप से पूरे छत्तीसगढ़ में पीडित महिलाओं की शिकायत पर अपने सदस्यों के माध्यम से पहुंच बनाकर तत्काल उन्हें राहत पहुंचाने का कार्य कर रहे है।
9. वर्तमान में सरगुजा संभाग बिलासपुर, बस्तर संभाग में महिला आयोग के संभागीय कार्यालय का संचालन नियमित रूप से किया जा रहा है और इन स्थानों पर से हमारे सदस्य सखी
सेंटर, नवा बिहान व अन्य विभागों के कार्यों पर भी निगरानी रखती है। 10. प्रिंट मीडिया और पोर्टल तथा आवश्यकता पड़ने पर स्वतः संज्ञान से भी प्रकरणों का निराकरण करते है ।
11. आयोग के द्वारा कानून के दायरे में रहकर कई तरह के प्रकरणों में वैधानिक तरीके से
आपराधिक मामलों में कार्यवाहियां की गई है जिनके संक्षिप्त उदाहरण इस प्रकार है :-
• मृत्यु के संदेह में संदिग्ध व्यक्तियों का नार्को टेस्ट कराया।
• गुम बच्चे के मामले में DNA टेस्ट का आदेश दिया।
पितृत्व के शिकायत के निराकरण के लिए DNA कराया गया।
किशनपुर हत्याकांड में आयोग के खर्च पर फारेंसिक टेस्ट की नियुक्ति कराया गया। • एक महिने के बच्चे को महज 16 घंटे के अंदर उसकी मां से मिलवाया।
17 वर्षीय बच्चे की कस्टडी उसकी मां को दिलाने में आधी रात तक आयोग ने कार्य किया, आपसी रजामंदी से परिवारों को जोडने, भरण-पोषण देने, साइबर क्राइम के मामले में महिलाओं को न्याय दिलाने, आपसी रजामंदी से तलाक दिलाने
हमारे राज्य की छवि राष्ट्रीय स्तर पर महिला मानव तस्करी के कारण बदनाम थी आपकी सरकार आने के बाद इसमें सख्ती से रोक लगाने के लिये छत्तीसगढ़ के सभी 28 जिलों में महिला आयोग ने पुलिस विभाग के साथ बैठकर आंकड़े प्राप्त किये और यह पाया कि पिछले 4 वर्षों में काफी गिरावट आई है।
लेकिन इसे पूर्णत: कैसे रोका जाये इस विषय में महिला आयोग विशेष प्रयास कर रहा है। आयोग के समक्ष आने वाले प्रकरणों में यह पाया कि काम करने वाली महिलाओं के साथ साईबर क्राइम, मानव तस्करी एवं महिलाओं का कार्यस्थल पर लैंगिक उत्पीड़न की शिकायतें भी आ रही है। और महिलाएं इन अपराधों से कैसे बचें वह भी चिंता का विषय है। इसलिये आयोग ने "साईबर क्राइम, मानव तस्करी एवं महिलाओं का कार्यस्थल पर लैंगिक उत्पीड़न जैसें विषयों" को रखकर संभाग स्तरीय सम्मेलन किये है।
जिसमें मानव तस्करी और साइबर क्राइम विषय पर पुलिस के अधिकारियों ने प्रशिक्षण दिया, महिला आयोग की रोकथाम और कार्यस्थल पर लैंगिक उत्पीड़न जैसे विषयों पर प्रशिक्षण दिया और इस तरीके से संभाग स्तरीय सम्मेलनों के माध्यम से प्रत्येक संभाग में 350-400 मास्टर ट्रेनर तैयार कराये गये और अब आज रायपुर संभाग में लगभग 1500 लोगों को मास्टर ट्रेनर के रूप में तैयार किया जायेगा ।
लगभग ढाई वर्ष के कार्यकाल में पूरे छत्तीसगढ़ का लगभग 2-3 बार दौरा पूरा हुआ है और इसमें कुछ शिकायतें जो सामान्य तौर पर पाई जा रही है। उन सब के आधार पर एक विस्तृत प्रतिवेदन शासन को प्रेषित करना चाहते है ताकि छत्तीसगढ़ की महिलाओं को प्रताड़ना से मुक्त कराया जा सकें। आयोग के अधिनियम में संशोधन का प्रस्ताव भी शासन स्तर पर लंबित है इसे शीघ्रतापूर्ण कराये जाने की मांग करते है। स्कूल के बच्चों के लिये कुछ जानकारी और उनकी शिक्षा में कानूनी प्रावधान जोड़ने की अनुशंसा करते है ताकि भविष्य के नागरिक छत्तीसगढ़ में महिलाओं के प्रति अपराध न करें।
विधिक कार्यशाला सह प्रशिक्षण में मानव तस्करी रोकथाम विषय पर पुलिस महानिरीक्षक डॉ संजय शुक्ला, महिला अपराध एवं साक्ष्यों के लिए सावधानियां विषय पर फोरेंसिक एक्सपर्ट डॉ. सुनंदाढेंगे, परिवार न्यायालय एवं महिलाओं का कार्यस्थल पर लैंगिक उत्पीड़न (निवारण प्रतिषेध तथा प्रतितोष) विषय पर एजीपी सुश्री शमीम रहमान, साइबर क्राइम पर प्रस्तुतिकरण विषय पर साइबर एक्सपर्ट सुश्री मोनाली गुहा ने बात रखी।
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर महिला आयोग की ओर से जिलों के सभी कलेक्टरों और पुलिस अधीक्षकों को प्रकरणों के निराकरण के लिए दिए गए सहयोग के लिए सम्मानित किया। इस अवसर पर संसदीय सचिव विकास उपाध्याय, रायपुर नगर निगम के महापौर एजाज ढेबर, राज्य महिला आयोग की सदस्य नीता विश्वकर्मा, अर्चना उपाध्याय, अनिता रावटे, बालो बघेल उपस्थित थीं।