CG:समाधान महाविद्यालय बेमेतरा में दो दिवसीय अन्तर्राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन....चार देशों के शिक्षाविदों ने रिसर्च का महत्व बताया..55 शिक्षाविदों एंव शोधार्थियों ने शोधपत्र प्रस्तुत किये.....इस अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन के मुख्य अतिथि हेमचंद यादव विश्वविद्यालय की कुलपति डॉ.अरुणा पल्टा रहे

CG:समाधान महाविद्यालय बेमेतरा में दो दिवसीय अन्तर्राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन....चार देशों के शिक्षाविदों ने रिसर्च का महत्व बताया..55 शिक्षाविदों एंव शोधार्थियों ने शोधपत्र प्रस्तुत किये.....इस अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन के मुख्य अतिथि हेमचंद यादव विश्वविद्यालय की कुलपति डॉ.अरुणा पल्टा रहे
CG:समाधान महाविद्यालय बेमेतरा में दो दिवसीय अन्तर्राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन....चार देशों के शिक्षाविदों ने रिसर्च का महत्व बताया..55 शिक्षाविदों एंव शोधार्थियों ने शोधपत्र प्रस्तुत किये.....इस अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन के मुख्य अतिथि हेमचंद यादव विश्वविद्यालय की कुलपति डॉ.अरुणा पल्टा रहे

संजू जैन 7000885784
बेमेतरा:समाधान महाविद्यालय में दो दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन मानवीय चेतना आधारित सतत विकास के लिए बहुविषयक शिक्षा एवं नवाचार विषय पर आयोजित हुआ। कार्यक्रम की शुरुआत मां सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण व दीप प्रज्वलन से हुई। इस अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन के मुख्य अतिथि हेमचंद यादव विश्वविद्यालय की कुलपति डॉ.अरुणा पल्टा रही उन्होंने महाविद्यालय को नैक मूल्यांकन में ए ग्रेड प्राप्ति व अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन के आयोजन की बधाई देते हुए कहा कि महाविद्यालय के प्राध्यापकों व विद्यार्थियों में अच्छे सहभागिता का गुण देखने को मिला। आज का समय मल्टीटास्किंग हैं, एक ही कार्य से हम अपनी आवश्यकताओं की पूर्ति नहीं कर सकते हैं तथा शिक्षा को गुणवत्तापूर्ण बनाने में हम सभी को अपनी भागीदारी करनी चाहिए। इस अवसर पर रिसर्च जर्नल में एब्स्ट्रेक्ट प्रोसिडिंग को अतिथियों के द्वारा विमोचन किया गया जिसमे 115 शोध सारांश लिखे गए है व मध्यस्थ दर्शन आधारित आभास प्रदर्शनी का उद्घाटन किया गया। संचालक डॉ. अलका तिवारी ने सभी अतिथियों, प्राध्यापकों व छात्र-छात्राओं का हार्दिक अभिनंदन करते हुए सम्मेलन के महत्व को बताया। महाविद्यालय के डायरेक्टर डॉ. अवधेश पटेल ने महाविद्यालय की स्थापना व उद्देश्य पर प्रकाश डाला तथा महाविद्यालय में जीवन विद्या व मूल्य शिक्षा के आंशिक प्रयोग की जानकारी दी एवं अगले 5 वर्ष में शोधकार्य को आगे बढ़ाने के लिए भरपूर प्रयास करने का भरोसा दिलाया। आईआईटी दिल्ली के विषय विशेषज्ञ श्री अजय जैन ने कहा कि मानव सभी प्रश्नों के समाधानिक उत्तर प्राप्त कर अपने जीवन को आनंदमय बना सकता हैं। शिक्षाविद् सोमदेव त्यागी ने बताया कि मानव का अध्ययन भी शिक्षा का ही एक भाग हैं। दिव्य पथ संस्थान के अध्यक्ष डॉ साधन भट्टाचार्य ने कहा अभी तक मानव का अध्ययन किसी शिक्षा में नहीं है क्योंकि मानव को समझने में यात्रा शेष है। सृष्टि की सच्चाई को जीवन विद्या और मूल्य शिक्षा द्वारा तर्क विधि से समझा जा सकता हैं। इसके पश्चात गांधी विद्या मंदिर के अध्यक्ष श्री हिमांशु दुग्गड़ ने कहा कि मध्यस्थ दर्शन के अनुसार जो वस्तु अस्तित्व में है उसे ही समझाया जा सकता हैं। दो दिनों के सम्मेलन में विभिन्न महाविद्यालयों एवं विश्वविद्यालय के लगभग 55 सहायक प्राध्यापक, रिसर्च स्कॉलर, महाविद्यालय के सहायक प्राध्यापक एवं विद्यार्थियों ने अपने रिसर्च पेपर प्रस्तुत किये। इस कार्यक्रम में कुल 4 देशों के शिक्षाविदों ने संबोधित किया और रिसर्च की आवश्यकता और महत्व पर प्रकाश डाले। सम्मेलन के दूसरे दिन मुख्य अतिथि रविशंकर विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति डॉ एस के पांडेय रहे उन्होंने खगोलशास्त्र की महत्ता को स्पष्ट करते हुए कहा कि इसका ज्ञान जनमानस तक पहुंचाना अनिवार्य हैं क्योंकि हम सभी का अस्तित्व अनंत ब्रह्मांड से है। हेमचंद यादव विश्वविद्यालय दुर्ग के कुलसचिव श्री भूपेंद्र कुलदीप ने अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित करने  की बधाई देते हुए अपने वक्तव्य में कहा कि मध्यस्थ दर्शन पर आधारित मूल्य शिक्षा के वजह से यहां के विद्यार्थियों व सहायक प्राध्यापकों में कार्य के प्रति सहभागिता प्रदर्शित होता है। पैनल एक्सपर्ट के रूप मे एन.आई.टी रायपुर से डॉ हिना चावड़ा, अभ्युदय संस्थान अछोटी के शिक्षाविद् डॉ.संकेत ठाकुर एवं डॉ मीनाक्षी राठौर सम्मिलित हुए इन्होंने वक्तव्य में कहा कि सभी प्रतिभागियों के रिसर्च पेपर सकारात्मक का प्रदर्शन कर रहे हैं। निश्चय ही यह आयोजन समस्त शिक्षा जगत के लिए मील का पत्थर साबित होगा। इस अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन में शोधार्थियों व सहायक प्राध्यापको  ने वसुधैव कुटुंबकम् , जलवायु परिवर्तन,ग्लोबल वार्मिंग,नई शिक्षा नीति 2020 व सस्टेनेबल डेवलपमेंट आदि उपयोगी विषयों पर अपने रिसर्च पेपर प्रस्तुत किये जो काफी ज्ञानवर्धक रहें। अंत में समस्त रिसर्च स्कॉलर व सहायक प्राध्यापक को प्रमाण पत्र प्रदान किया गया। समाधान महाविद्यालय के सहायक प्राध्यापकों को नेक में उत्कृष्ट कार्य करने के उपलक्ष्य में प्रमाण पत्र प्रदान करवाया गया। पैनल एक्सपर्ट के रूप में एम.जे.कॉलेज भिलाई के प्राचार्य डॉ. अनिल चौबे, कलिंगा विश्वविद्यालय की डीन डॉ. आशा अभ्यकर, अछोटी से डॉ. संकेत ठाकुर तथा विदिशा से प्रोफेसर सतीश सक्सेना जी रहें महाविद्यालय के डायरेक्टर श्री अविनाश तिवारी ने धन्यवाद प्रेषित करते हुए कहा कि शिक्षा में मानवीयकरण करने की दिशा में यह हमारा एक आवश्यक कदम हैं। इस अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में साउथ कोरिया  के डॉ. टीएन अन्ह ट्रान, कनाडा से शिक्षाविद नेओमी टर्नर, कैलिफोर्निया, अमेरिका से चंद्र शेखर तिवारी, हेमचंद यादव विश्वविद्यालय दुर्ग से डॉ. प्रीता लाल, व दिल्ली से डॉ. सुरेंद्र पाठक, योगेश शास्त्री, संचालक गणेश वर्मा सहित अन्य सभी विश्वविद्यालय व महाविद्यालय के रिसर्च स्कॉलर व सहायक प्राध्यापक तथा समाधान महाविद्यालय के प्रशासनिक अधिकारी उमेश सिंह राजपूत व समस्त सहायक प्राध्यापक उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन सुश्री स्वीटी मालिक, दीपाली सलूजा, पीताम्बर झा एवं पूजा सिन्हा के द्वारा किया गया| यह अन्तर्राष्ट्रीय सम्मलेन सभी के लिए उपलब्धियों से परिपूर्ण रहा |