*महात्मा गांधी एवं लाल बहादुर शास्त्री के जयंती के अवसर पर ओड़गी ब्लॉक कांग्रेस कमेटी के द्वारा मनाया गया जयंती..*
संदीप दुबे




महात्मा गांधी एवं लाल बहादुर शास्त्री के जयंती के अवसर पर ओड़गी ब्लॉक कांग्रेस कमेटी के द्वारा मनाया गया जयंती ।।
ओड़गी । महात्मा गांधी एवं लाल बहादुर शास्त्री के जयंती के अवसर पर ओड़गी ब्लॉक कांग्रेस कमेटी के द्वारा कार्यक्रम रखा गया इस मौके पर ओड़गी विधायक कार्यालय में महात्मा गांधी एवं लाल बहादुर शास्त्री के जन्म जयंती के अवसर पर पुष्प वर्षा कर जयंती मनाई गई इस मौके पर ओड़गी ब्लॉक के जनपद उपाध्यक्ष शिवबालक यादव के द्वारा कार्यक्रम को संबोधित करते बताया किलाल बहादुर शास्त्री जैसे महापुरुष के बारे मे बताते हुए बेहद खुशी हो रही है। लाल बहादुर शास्त्री जी का जन्म 2 अक्टूबर 1904 को उत्तर प्रदेश के मुगलसराय में हुआ था। इनके पिता का नाम श्री मुंशी शारदा प्रसाद श्रीवास्तव और माता का रामदुलारी था। इनके पिता एक शिक्षक थे। शास्त्री जी अपने परिवार में सबसे छोटे थे, इसलिए सब प्यार से उन्हे नन्हे बुलाते थे। शास्त्री जी एक क्रांतिकारी व्यक्ति थे और इनके द्वारा गांधी जी के नारे को ‘मरो नहीं, मारो’ में चतुराई से बदलाव मात्र से देश में क्रांति की भावना जाग उठी और उसने प्रचंड रूप ले लिया और इसके लिए शास्त्री जी को जेल भी जाना पड़ा। आजादी के बाद शास्त्री जी की साफ-सुथरी छवि ने उन्हे नेहरू जी के मृत्यु के बाद देश का दूसरा प्रधानमंत्री बनाया और उनके सफल मार्गदर्शन में देश काफी आगे बढ़ा। अनाजों की कीमतों में कटौती, भारत-पाकिस्तान की लड़ाई में सेना को खुली छूट देना, ताशकंद समझौता जैसे महत्वपूर्ण कदम उठाते में उनकी मृत्यु ताशकंद में रहस्यमयी तरीके से हो गई।लाल बहादुर शास्त्री अपने देश के लिए बलिदान और सच्ची देश भक्ती के लिए सदैव जाने जाएंगे। मरणोपरांत इन्हे भारत रत्न से सम्मानित किया गया।महात्मा गांधी की महानता, उनके कार्यों व विचारों के कारण ही 2 अक्टूबर को स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस की तरह राष्ट्रीय पर्व का दर्जा दिया गया है ।गांधी जी इस बात में विश्वास रखते थे कि हिंसा के रास्ते पर चलकर आप कभी भी अपने अधिकार नहीं पा सकते। उन्होंने विरोध करने के लिए सत्याग्रह का रास्ता अपनाया इस मौके पर उपस्थित अवधेश गुर्जर, सर्वेश चौबे, राजू यादव, दानी पाण्डेय,अंशु पाण्डेय , सुदामा यादव, संजय रजवाड़े, पिंटू गुर्जर, निरंतर राजवाड़े, राधा कृष्ण, संतु रजवाड़े, भुनेश्वर राजवाड़े, एवं काफी संख्या में कांग्रेश के पदाधिकारी एवं कार्यकर्ता उपस्थित थे