New Corona Variant: अब दो वेरियेंट्स के गुणों वाला नया कोरोना ला सकता है कोविड की चौथी लहर.... Corona के नए वेरिएंट से अभी डरना जरूरी है?.... जानें नए वेरियेंट के बारे में.......
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New Corona, Covid Fourth Wave In India, Recombinant Variants, WHO: अमेरिका, इंग्लैंड, फ्रांस और इजरायल जैसे देशों में इन रीकॉम्बिनेंट वेरियेंट्स (Recombinant Variants) की पहचान हो चुकी है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने सार्स-कोव2 के कुछ हाइब्रिड वेरियेंट्स का कड़ाई से परीक्षण कर रहा है। ये मूल रूप से नए वेरियेंट्स हैं जिनमें दो या ज्यादा मौजूदा वेरियेंट्स के गुण पाए जाते हैं। वैज्ञानिकों का कहना है कि समय रहते नए वेरियेंट्स की पहचान करना जरूरी है क्योंकि इसमें एंटिबॉडी को भी मात देने की क्षमता हो सकती है।
अगर जांच में यह साबित हो गया तो इसका मतलब है कि वेरियेंट्स उन लोगों को भी संक्रमित करेंगे जिनमें कोरोना से संक्रमण या वैक्सीन लेने से एंटिबॉडी विकसित हुई है। अमेरिका, इंग्लैंड, फ्रांस और इजरायल जैसे देशों में कोविड संक्रमित कुछ लोगों में ये नए वेरियेंट्स पाए जा रहे हैं। ये नए वेरियेंट्स में डेल्टा और ओमीक्रॉन, दोनों के गुण हैं। जहां तक बात भारत की है तो यहां अभी तक इन रीकॉम्बिनेंट वेरियेंट्स का एक भी मामला सामने नहीं आया है। इंस्टिट्यूट ऑफ लीवर एंड बिलियरी साइंसेज (ILBS) के वीसी डॉ. एसके सरीन ने कहा कि देश में जीनोम सिक्वेंसिंग पर गहनता से काम हो रहा है, लेकिन अब तक एक भी केस नहीं मिला जिसमें नए वेरियेंट्स का सबूत मिला हो।
कमजोर इम्यूनिटी वाले कोविड संक्रमित मरीजों में वायरस लंबे समय तक मौजूद रह सकता है, भले ही उनमें लक्षण कमजोर पड़ जाएं। इस कारण उनसे दूसरों के संक्रमित होने का खतरा बढ़ जाता है और नए रीकॉम्बिटेंट वेरियेंट्स के उभार का भी खतरा पैदा हो जाता है। उन्होंने कहा, 'डॉ. एकता गुप्ता की अध्यक्षता वाले हमारे वायरॉलजी लैब में जीनोम सिक्वेंसिंग के ताजा परिणाम बताते हैं कि करीब 98% मरीज बीए.2 वेरियेंट से संक्रमित हो रहे हैं जबकि बाकी में बीए1 का संक्रमण है। ये दोनों ओमीक्रॉन वेरियेंट्स के सब-लीनिएज हैं।' हालांकि, डॉ. सरीन का कहना है कि हमें किसी तरह की खुशफहमी नहीं पालनी चाहिए।