CG Vidhansabha News: PDS को लेकर सदन में जोरदार हंगामा... राशन दुकानों में अनियमितता की जांच करेगी विधायक दल की समिति.....

राशन दुकानों में अनियमितता की जांच विधायक दल की समिति करेगी

CG Vidhansabha News: PDS को लेकर सदन में जोरदार हंगामा... राशन दुकानों में अनियमितता की जांच करेगी विधायक दल की समिति.....
CG Vidhansabha News: PDS को लेकर सदन में जोरदार हंगामा... राशन दुकानों में अनियमितता की जांच करेगी विधायक दल की समिति.....

Legislative party committee will investigate irregularities in ration shops

रायपुर। खाद्य मंत्री दयाल दास बघेल ने कहा कि पूर्ववर्ती सरकार के समय राशन दुकानों में अनियमितता पाई गई है, जिसमें 216 करोड़ की राशि का राशन कम पाया गया था। अब इसकी नये सिरे से जांच विधायक दल की समिति द्वारा कराई जाएगी। खाद्य मंत्री दयालदास बघेल ने विधानसभा परिसर में पत्रकारों से चर्चा करते हुए कहा कि खाद्यान्न की कमी एवं राशन दुकानों में अनियमितता से संबंधित मामला पूर्ववर्ती भूपेश सरकार के समय का है। उन्होंने बताया कि अनियमितता के संबंध में सरकार द्वारा कई राशन दुकानों पर निलंबन एवं एफ.आई.आर. कर कार्यवाही की गई थी और वसूली भी की जा रही है।

पूर्व विधानसभा अध्यक्ष धरमलाल कौशिक ने षष्ठम विधानसभा के पहले सत्र के पहले दिन ही राशन घोटाले को लेकर लगाये पहले प्रश्नों के चलते पूर्ववर्ती सरकार के काले कारनामों (पीडीएस घोटाले) को उजागर किया है। प्रदेश की वर्तमान सरकार के खाद्य मंत्री दयालदास बघेल द्वारा छत्तीसगढ़ की राशन दुकानों से वितरित होने वाले केंद्रीय मद के चावल वितरण में घोटाले को विधानसभा में स्वीकार कर लिया है कि यह घोटाला पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के शासन काल में हुआ था और भारी मात्रा में अनियमितता हुई है। लेकिन कार्यवाही अभी तक कुछ नहीं हुई है। 

श्री कौशिक ने विपक्ष में रहते हुए इस विषय पर प्रश्न लगाया था। जिसे अब विधानसभा की समिति द्वारा जांच की जाएगी। श्री कौशिक ने मंत्री दयालदास बघेल को धन्यवाद ज्ञापित किया है और कहा कि जिन्होंने भी गरिबों के पेट का निवाला छिना है उन पर कड़ी कार्यवाही होनी चाहिए और दोषियों को इसकी कड़ी से कड़ी सजा मिलनी चाहिए और दुध का दुध और पानी का पानी होना चाहिए। पिछले सरकार के कार्यकाल में बीजेपी ने इस घोटाले पर अनेक प्रश्न लगाकर आक्रोश दिखाया था लेकिन जवाब उसका नहीं आया था जो प्रतिवेदन प्रस्तुत होना था वह प्रतिवेदन भी नहीं आया था लेकिन पुनः इस बात को नए सिरे से उठाया गया और सदन की कमेटी से जांच कराने की घोषणा की गई है। उन्होंने कहा कि निश्चित रूप से गरीबो का चावल गरीबो तक पहुंचना चाहिए उसमें कोई अनियमितता न हो और इस बात से वर्तमान सरकार भी सचेत रहे की आगे भी इस मामले में किसी भी प्रकार की अनिमितता न पाई जाए।