Home Loan को लेकर RBI ने इन नियमों में किया बड़ा बदलाव...

RBI made major changes in these rules regarding home loan... Home Loan को लेकर RBI ने इन नियमों में किया बड़ा बदलाव...

Home Loan को लेकर RBI ने इन नियमों में किया बड़ा बदलाव...
Home Loan को लेकर RBI ने इन नियमों में किया बड़ा बदलाव...

Home Loan :

 

नया भारत डेस्क : दरअसल जब ब्याज दर बढ़ती है, तो बैंक आमतौर पर लोन लेने वालों को बढ़ी EMI (Equated monthly instalments) के बोझ से बचाने के लिए लोन के टेन्योर को बढ़ा देते हैं. हालांकि कभी-कभी ये एक्सटेंशन लंबी अवधि तक चलते हैं और इस वजह से लोन लेने वाले ग्राहकों को ज्यादा ब्याज चुकाना पड़ता है. जिससे उनकी चिंता बढ़ना स्वाभाविक है. लोन लेने वालों की इस परेशानी को ध्यान में रखते हुए रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) हाल ही में होम लोन लेने वालों को सशक्त बनाने के लिए रीपेमेंट नियमों का एक सेट लेकर आया है. इससे होम लोन लेने वालों को क्या फायदा होगा, आइए जानते हैं. (Home Loan)

होम लोन पर RBI का नया आदेश

18 अगस्त 2023 को जारी एक अधिसूचना में, RBI ने बैंकों से कहा कि वे लोन लेने वालों को या तो EMI बढ़ाने या लोन का टेन्योर बढ़ाने का विकल्प दें, या होम लोन पर ब्याज दरों को रीसेट करते समय दोनों विकल्पों का एक साथ इस्तेमाल करें. RBI के नए आदेश को चार पॉइंट में समझते हैं -

  •  बैकों को कर्जदारों यानी लोन लेने वालों को बेंचमार्क दरों में बदलाव के संभावित प्रभाव के बारे में बताना चाहिए जिससे EMI /टेन्योर या दोनों में बदलाव हो सकता है.
  • ब्याज दरों को रीसेट करते समय, कर्जदारों को एक निश्चित ब्याज दर पर स्विच करने का विकल्प दिया जाना चाहिए. फ्लोटिंग से फिक्स्ड में स्विच करने के लिए सभी लागू शुल्कों का खुलासा लोन सैंक्शन लेटर (Loan sanction letter) में किया जाना चाहिए.
  •  कर्जदारों को लोन की अवधि बढ़ाने या EMI में वृद्धि या दोनों का विकल्प दिया जाना चाहिए.
  • बैंकों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि लोन की अवधि में वृद्धि के चलते नकारात्मक परिशोधन (Negative amortisation) नहीं होना चाहिए, जिसका मतलब है कि मंथली लोन पेमेंट लोन की बढ़ती ब्याज दर को कवर करने के लिए अपर्याप्त (Insufficient) नहीं होनी चाहिए. (Home Loan)

होम लोन पर RBI का नया नियम कैसे करेगा मदद

इस नियम के चलते अब ब्याज दर बढ़ने पर कर्जदारों को विकल्प मिलेगा. बैंकों को कर्जदारों को यह तय करने का मौका देना होगा कि वे अपने लोन की अवधि बढ़ाना चाहते हैं, EMI बढ़ाना चाहते हैं या दोनों विकल्पों का साथ में इस्तेमाल करना चाहते हैं. बैंकबाजार के आदिल शेट्टी ने कहा, "जैसे ही बैंक इस नियम को इस्तेमाल करना शुरू करेंगे, इससे जुड़ी बारीकियां साफ हो जाएंगी." (Home Loan)

आइए एक उदाहरण से समझते हैं कि यह नया नियम एक कर्जदार की किस तरह से मदद करेगा. मान लीजिए कि आपने 2020 में 20 साल यानी 240 महीने के लिए 7% ब्याज पर 50 लाख रुपये का होम लोन लिया है. लोन लेते समय आपकी मंथली EMI 38,765 रुपये थी. इस तरह इस अमाउंट पर 20 सालों में आप कुल 43.04 लाख रुपये ब्याज के तौर पर चुकाएंगे.

मान लीजिए कि तीन साल के बाद ब्याज दर बढ़कर 9.25% हो जाती है. RBI के नए आदेश के मुताबिक ऐसे स्थिति में अब बैंकों को आपको या तो अपनी EMI या टेन्योर बढ़ाने या ब्याज दर को रीसेट करते समय इन दोनों के कॉम्बिनेशन का इस्तेमाल करने का विकल्प देना होगा.

यदि आप अपना 20-साल का लोन अब बाकी बचे हुए 17 साल के अंदर खत्म करना चाहते हैं, तो आपकी EMI बढ़कर 44,978 रुपये प्रति माह हो जाएगी. आपको लोन टेन्योर के अंत में कुल 55.7 लाख रुपये का ब्याज देना होगा. (Home Loan)

जानिए RBI के नए नियम से आपके 33 लाख रुपये कैसे बचेंगे -

अगर आप लोन का टेन्योर बढ़ाते हैं तो आपको 321 महीने या 26 साल और 10 महीने तक हर महीने 38,765 रुपये देने होंगे. इसका मतलब है कि आपको कुल 88.52 लाख रुपये का भुगतान करना होगा. ऐसे में आपको 33 लाख ज्यादा का भुगतान करना पड़ेगा. (Home Loan)