टीबी रोग के प्रति जागरूक करने विद्यालय पहुँचा स्वास्थ्य विभाग जिले में 24 मार्च से 13 अप्रैल तक चल रहा टीबी जागरूकता अभियान




दन्तेवाड़ा 1 अप्रैल। टीबी को जड़ से खत्म करने के अभियान के तहत स्वामी आत्मानंद विद्यालय कारली में टीबी-मुक्त भारत अभियान चलाया गया। आयुष्मान भारत हेल्थ एंड वैलनेस सेंटर जावांगा के अंतर्गत आने वाले इस विद्यालय के छात्र-छात्राओं को इस गम्भीर रोग के बारे में विस्तार से जानकारी दी गयी।
जिला मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. गिरीश शर्मा ने बताया, "टीबी रोग को पूरी तरह से खत्म करने के लिये सभी लोगों का जागरूक होना जरूरी है। स्कूल में पड़ने वाले बच्चों को स्वास्थ्य-सम्बन्धी जानकारी मिलने से वे कम उम्र में ही अपने स्वास्थ्य के प्रति सजग हो जाते हैं। जिले में ऐसे कार्यक्रम आयोजित करने का मुख्य उद्देश्य अधिक से अधिक लोगों को जागरूक करना है ताकि देश में टीबी के उन्मूलन का मार्ग प्रशस्त हो सके। जिला प्रशासन एवं स्वास्थ्य विभाग का पूरा प्रयास है कि एक भी टीबी मरीज जानकारी के अभाव में उपचार से वंचित नहीं रहने पाए, इसके लिए लगातार विभाग की तरफ से समय-समय पर एक्टिव केस फाइंडिंग अभियान चलाया जाता रहा है। टीबी संक्रमण की शुरुआत में ही मरीज की पहचान होने से उसका उपचार आसान हो जाता है और उसके परिवार के अन्य सदस्यों को संक्रमण की चपेट में आने का खतरा कम रहता है। टीबी एक संक्रामक रोग है। जो बीमार व्यक्ति से सेहतमंद लोगों में फैल सकता है। टीबी की बीमारी का इलाज उपलब्ध है। लेकिन जागरूकता के अभाव में आज भी इससे लोगों की जान जा रही है। नियमित उपचार के बाद क्षय रोग पूरी तरह ठीक हो जाता है।"
आरएमए डॉक्टर अतीक अंसारी ने छात्र-छात्राओं एवं शिक्षकों टीबी के विषय मे जानकारी देते हुए बताया, "भारत का लक्ष्य 2025 तक टीबी मुक्त होना है। वहीँ छत्तीसगढ़ राज्य ने इसके लिए वर्ष 2023 निर्धारित किया है ताकि जल्द से जल्द टीबी की बीमारी को मिटाया जा सके। इसके लिये जिले में 24 मार्च से 13 अप्रैल तक 21-दिवसीय जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। टीबी से संक्रमित रोगियों के कफ से, छींकने, खांसने, थूकने और उनके द्वारा छोड़ी गई सांस से वायु में बैक्टीरिया फैल जाते हैं,जो कि कई घंटों तक वायु में रह सकते हैं। जिस कारण स्वस्थ व्यक्ति भी आसानी से इसका शिकार बन सकता है। हालांकि संक्रमित व्यक्ति के कपड़े छूने या उससे हाथ मिलाने से टीबी नहीं फैलता। जब टीबी बैक्टीरिया सांस के माध्यम से फेंफड़ो तक पहुंचता है तो वह कई गुना बढ़ जाता है और नुकसान पहुंचाता है।
टीबी हारेगा देश जीतेगा अभियान को सफल बनाने के लिये स्वामी आत्मानंद के प्राचार्य शेनगर ने बच्चों से अपील करते हुए कहा कि वेअपने घरों व आसपास में रहने वाले लोगों को टीबी रोग के बारे में बताएं। अगर किसी करीबी को टीबी के लक्षण हों तो उन्हें अपनी जांच कराने के लिये प्रेरित करें।
इस कार्यक्रम को सफल बनाने में स्वामी आत्मानंद के समस्त शिक्षक शिक्षिकाएं एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र जवांगा के कर्मचारीगण का विशेष सहयोग रहा।