बंदियों का हुआ निःशुल्क मानसिक स्वास्थ्य परामर्श विश्व मानसिक स्वास्थ्य सप्ताह के तहत आयोजित हुआ शिविर

बंदियों का हुआ निःशुल्क मानसिक स्वास्थ्य परामर्श विश्व मानसिक स्वास्थ्य सप्ताह के तहत आयोजित हुआ शिविर

नारायणपुर 8 अक्टूबर। जिले में राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम अंतर्गत विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस सप्ताह के चौथे दिवस में उप जेल एड़का जिला नारायणपुर में बंदियों के लिए एक दिवसीय निःशुल्क मानसिक स्वास्थ्य शिविर का आयोजन किया गया इसके अतिरिक्त दूसरे पहर में पुलिस अधीक्षक कार्यालय के अधिकारी एवं कर्मचारियों को मानसिक स्वास्थ्य संबंधित बीमारी, और जीवन में होने वाले तनाव, तनाव के प्रकार और तनाव को कम करने के उपाय के बारे में विभिन्न गतिविधियों के माध्यम से बताया गया। उक्त कार्यक्रम मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. बी. आर. पुजारी, सिविल सर्जन सह जिला अस्पताल अधीक्षक डॉ एम. के. सूर्यवंशी के निर्देशानुसार, नोडल अधिकारी डॉ प्रशांत गिरी के मार्गदर्शन में तथा जिला कार्यक्रम प्रबंधक डॉ. प्रिया कंवर के सफल सहयोग से आयोजित हुआ।

 

नोडल ऑफिसर डॉ प्रशांत गिरी ने बताया, " जिले में चल रहे विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस सप्ताह के अंतर्गत गुरुवार को मानसिक रूप से अस्वस्थ जेल में बंदियों के लिये निःशुल्क परामर्श एवं उपचार शिविर का आयोजन किया गया था। जहाँ क्लिनिकल साइकोलॉजिस्ट प्रीति चांडक एवं साइकाइट्रिक सोशल वर्कर नेहा गिरी द्वारा मानसिक स्वास्थ्य संबंधित बीमारियों ,लक्षण ,उपचार एवं जेल में उनकी दैनिक दिनचर्या के अनुसार मानसिक स्वास्थ्य को उन्नत करने के उपाय बताए गए"

उन्होंने बताया , दूसरे पहर में पुलिस अधीक्षक कार्यालय के अधिकारी एवं कर्मचारियों को तनाव प्रबंधन पर जानकारी दी गयी। इस दौरान उन्हें बताया गया कि कार्यस्थल पर अधिक तनाव हानिकारक होता है, यह स्वास्थ्य को प्रभावित करता है। इसलिये अपना कार्य प्राथमिकता के अनुसार करें। साथ ही कार्य को तय समय-सीमा पर करने का प्रयास करें इससे न केवल तनाव कम होगा, बल्कि कार्यस्थल पर आपके कार्य करने की उत्पादकता, रचनात्मकता बढ़ जाएगी। काम और व्यक्तिगत जीवन में संतुलन जरूरी है नही तो व्यक्ति मानसिक और शारीरिक दोनों तरह से तनावग्रसित हो जाता है।

 

साइकोलॉजिस्ट प्रीति चांडक ने बताया, अक्सर जेल में जाने पर लोगों की मानसिक स्थिति में बदलाव आता है। लोगों में आत्म ग्लानि और समाज में उन के लियें लोग क्या सोच रहे होंगे, यह सब उनके लिए मानसिक तनाव का कारण होते है । गुस्सा आना और डिप्रेशन होना, जेल में रहने वाले कुछ बंदियों में समान्यतः यह लक्षण पाई जाती है। नींद की समस्या, कुंठा में रहना बुरे ख्याल आना और समाज में वापस जाने पर क्या होगा जैसी सोच की समस्या को दूर करने और मन में चल रही नकारात्मक विचार को दूर करने निःशुल्क काउंसलिंग की गई।

 

साइकेट्रिक नेहा गिरी ने बताया, " बंदियों में ज्यादातर लोग तनाव के कारण डिप्रेशन में रहते है । तनाव से मुक्ति के लिये प्रतिदिन नियमित रुप से योग करने भरपूर नींद लेने आपस में बातचीत कर तनाव को कम करने की सलाह दी गयी। उन्होंने बताया , मानसिक अस्वस्थता की स्थिति हो तो घबराएं नही, जिला अस्पताल में स्पर्श क्लीनिक के माध्यम से मानसिक रोगियों को निःशुल्क परामर्श व उपचार दिया जाता है।