SBI के पूर्व चेयरमैन गिरफ्तार... होटल की बिक्री में गड़बड़ी करने का आरोप, 200 करोड़ की संपत्ति 24 करोड़ में बेचने के मामले में कार्रवाई….14 दिन के लिये भेजा जेल…..जाने पूरा मामला…….

SBI के पूर्व चेयरमैन गिरफ्तार... होटल की बिक्री में गड़बड़ी करने का आरोप, 200 करोड़ की संपत्ति 24 करोड़ में बेचने के मामले में कार्रवाई….14 दिन के लिये भेजा जेल…..जाने पूरा मामला…….

जैसलमेर 11 अक्टूबर 2021. स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) के पूर्व चेयरमैन प्रतीप चौधरी (Pratip Chowdhary) को लोन धोखाधड़ी मामले में गिरफ्तार कर लिया गया है. जानकारी के मुताबिक, जैसलमेर पुलिस ने उन्हें उनके दिल्ली स्थित आवास से गिरफ्तार किया है. दरअसल, होटल गोडावण प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक वीरेंद्र सिंह ने साल 2008 में स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) से 24 करोड़ रुपये का लोन लिया था. यह पूरा मामला उसी से जुड़ा है. प्रतीप चौधरी को कोर्ट में पेश किया गया, जहां से 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया.

प्रतीप चौधरी को जैसलमेर में स्थित एक होटल की बिक्री में गड़बड़ी करने के आरोपों में गिरफ्तार किया गया है. उन्हें राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली स्थित उनके आवास से जैसलमेर की पुलिस ने गिरफ्तार किया है. मामला एक होटल के प्रोजेक्ट से जुड़ा है. बताया गया है कि वर्ष 2008 में राजस्थान के जैसलमेर में गोदावन ग्रुप होटल प्रोजेक्ट को लोन देने के बदले में प्रतीप चौधरी ने कथित तौर पर 24 करोड़ रुपये की रिश्वत ली थी.

 

 

एसबीआई ने प्रतीप चौधरी की गिरफ्तारी के बाद एक बयान जारी किया. इसमें कहा गया है कि वर्ष 2007 में स्टेट बैंक ने जैसलमेर में गढ़ रजवाड़ा होटल प्रोजेक्ट को फाइनेंस किया था. तीन साल से अधिक समय बीत जाने के बावजूद प्रोजेक्ट पूरा नहीं हुआ. उसके प्रमुख प्रमोटर का अप्रैल 2010 में निधन हो गया. इसके बाद जून 2010 में इस अकाउंट को एनपीए (नन परफॉर्मिंग एसेट) में डाल दिया गया. इसके बाद भी कंपनी ने इस प्रोजेक्ट को पूरा करने के कई जतन किये, लेकिन उसमें सफलता नहीं मिली. बैंक ने कहा है कि इसके बाद बैंक ने लोन को रिकवर करने के प्रयास शुरू किये. इसके तहत बैंक की नीतियों के अनुरूप वर्ष 2014 में एक एसेट रीकंस्ट्रक्शन कंपनी को बकाया राशि की वसूली का जिम्मा सौंपा गया. रिकवरी के तमाम प्रयास विफल हो गये, तब एसबीआई ने जनवरी 2014 में इस प्रॉपर्टी की बिक्री का जिम्मा सौंपा गया. मार्च 2014 में प्रक्रिया पूरी हुई.

 

स्टेट बैंक की ओर से जारी विज्ञप्ति में यह भी कहा गया है कि संपत्ति की बिक्री के बाद लोन लेने वाले शख्स ने प्राथमिकी दर्ज करवा दी. हालांकि, शिकायत करने वाला कोर्ट में अपने आरोपों को साबित करने में नाकाम रहा. चूंकि इस मामले में एसबीआई को किसी ने पक्षकार नहीं बनाया था, इसलिए जांच और सुनवाई के दौरान उसकी राय की जरूरत नहीं पड़ी. बैंक ने कहा है कि संपत्ति की बिक्री करने से पहले एसबीआई ने सारी प्रक्रिया का पालन किया था. एसबीआई ने कहा है कि आगे की जांच में बैंक न्यायिक अधिकारियों की पूरी मदद करेगा. सौदे से जुड़ी तमाम जानकारियां उन्हें उपलब्ध करायी जायेंगी. स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के पूर्व चेयरमैन प्रतीप चौधरी को धोखाधड़ी के मामले में जैसलमेर डिस्ट्रिक्ट कोर्ट ने 15 नवंबर तक न्यायिक हिरासत में भेजा है