Fish Farming : सरकार ने दी किसानो को बड़ी सौगात ! अब मछली पालन से हो रहा बंपर मुनाफा, सरकार दे रही 90% तक अनुदान, जाने पूरा प्रोसेस...
Fish Farming: The government gave a big gift to the farmers! Now bumper profits are being made from fish farming, the government is giving up to 90% grant, know the whole process... Fish Farming : सरकार ने दी किसानो को बड़ी सौगात ! अब मछली पालन से हो रहा बंपर मुनाफा, सरकार दे रही 90% तक अनुदान, जाने पूरा प्रोसेस...




Subsidy on PM Matsya Sampada Yojana :
केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा कई योजनाओं के माध्यम किसानों को प्रोत्साहित भी किया जा रहा है, ताकि वे खेती के साथ ही मछली पालन को भी व्यवसाय के रूप में अपना कर अपनी आय में बढ़ोतरी कर सकें. इसके अलावा, खेती के साथ ही मछली पालन, मुर्गी पालन, पशु पालन जैसे अन्य पेशा को अपनाने के लिए किसानों को सरकारें प्रोत्साहित कर रही हैं. ताकि वे खेती के साथ ही मछली पालन को भी व्यवसाय के रूप में अपना कर अपनी आय में बढ़ोतरी कर सकें.
आज मछली पालन एक बहुत लाभ का व्यवसाय बन चुका है. मछली पालन को बढ़ावा देने के लिए सरकार की ओर से राष्ट्रीय स्तर पर पीएम मत्स्य संपदा योजना ( PM Matsya Sampada Yojana ) चलाई जा रही है. इसके तहत किसानों को मछली पालन व्यवसाय खोलने के लिए सहायता प्रदान की जाती है. इस योजना के तहत किसानों को सरकार की ओर से 90 प्रतिशत तक सहायता प्रदान की जाती है. शेष 10 प्रतिशत पैसा ही मछली पालक को लगाना पड़ता है. (Fish Farming Business)
क्या है पीएम मत्स्य संपदा योजना :
केंद्र सरकार की ओर से संचालित पीएम मत्स्य संपदा योजना ( PM Matsya Sampada Yojana) मछली पालन के क्षेत्र में अब तक की चलाई जाने वाली योजनाओं में सबसे बड़ी योजना है. केंद्र सरकार द्वारा इस योजना को शुरू करने का मुख्य उद्देश्य देश में मछली पालन को बढ़ावा देना है. इस योजना के तहत मछली की गुणवत्ता पर विशेष ध्यान दिया जाएगा. बता दें कि केंद्र की मोदी सरकार की ओर से सितंबर 2020 को पीएम मत्स्य संपदा योजना को लागू की गई थी. (Fish Farming Business)
तालाब निर्माण का सबसे सही वक्त :
अभी जुलाई का महीना चल रहा है. मॉनसून भी अपना असर दिखा रहा है. कई राज्यों में अच्छी-खासी बारिश हो रही है. कुछ राज्यों में तालाब, पोखरे, झील और नदियां उफान पर हैं. किसान इस मॉनसून के दौरान होने वाली बारिश के पानी संचय कर उसे सिंचाई के लिए भी उपयोग कर सकते हैं. वही, जिन राज्यों में भूजल स्तर नीचे चला गया है, वहां के किसानों के लिए ये बारिश किसी वरदान साबित हो सकती है.
कृषि विशेषज्ञों के अनुसार मॉनसून का महीना तालाब निर्माण का सबसे सही समय है. जुलाई और अगस्त के महीने में तालाब बनवाने के बाद, उसमें पानी भरने की प्रकिया में ज्यादा मशक्कत नहीं करनी पड़ती है. इस प्रकिया के दौरान किसानों को ज्यादा राशि भी नहीं खर्च नहीं करनी पड़ती है. बारिश के पानी से तालाब अपने आप भर जाता है. (Fish Farming Business)
बिहार में तालाब और हैचरी के लिए 90 प्रतिशत सब्सिडी :
बता दें कि मछली पालकों को नया तालाब और हैचरी निर्माण करने पर बिहार सरकार नीली क्रांति योजना के तहत 90 प्रतिशत अनुदान देती है. ताकि राज्य में मछली का उत्पादन बढ़े और किसानों की आय में बढ़ोतरी हो और वे समृद्धि का जीवन जी सकें. (Fish Farming Business)
सरकार सिर्फ मछली पालने का ही इंतजाम सरकार नहीं कर रही है बल्कि उसे बेचने के लिए व्यवस्था बना रही है. इसी के तहत मछली को बाजार तक पहुंचाने के लिए गाड़ी और आइस बॉक्स खरीदने पर भी अनुदान दिया जाएगा. फिलहाल इस योजना का लाभ राज्य के अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के मछली पालकों को ही मिलेगा.
पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग के मुताबिक, इस योजना के तहत निजी जमीन पर बनाए गए तालाब के लिए भी सब्सिडी की व्यवस्था की गई है. वहीं पट्टे की जमीन पर 9 साल के कॉन्ट्रैक्ट वाली योजना में सब्सिडी का लाभ मिलेगा. (Fish Farming Business)
अन्य राज्य भी किसानों को तालाब निर्माण के लिए देते हैं सब्सिडी :
मछली पालन के लिए किसानों को तालाब की जरूरत होती है. इस व्यवसाय में बढ़ते मुनाफे को देखते केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा कई योजनाओं के माध्यम किसानों को प्रोत्साहित भी किया जाता है. उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा संचालित खेत तालाब योजना भी कुछ इसी तरह की पहल है. इस योजना के तहत किसानों को खेत में तालाब बनवाने पर तीन किस्तों में 50 प्रतिशत का अनुदान दिया जाता है. (Fish Farming Business)
इस योजना के तहत सब्सिडी की राशि किसानों के खाते में तीन किस्तों में भेजी जाती है. छोटे तालाब के निर्माण में किसानों के खाते में 52500 रुपये की सब्सिडी आती है. वहीं मध्यम तालाब के निर्माण के दौरान किसानों के खाते में 114,200 रुपये खाते में आते हैं.
बता दें कि किसान फार्म पॉन्ड योजना के तहत राजस्थान सरकार 1200 घन मीटर वाले कच्चे फार्म पौण्ड व प्लास्टिक लाइनिंग फार्म पौण्ड निर्माण पर अधिकतम लघु व सीमांत कृषकों को लागत का 70 प्रतिशत ( 73500 या 105000) सब्सिडी के रूप में देती है. वहीं, अन्य किसानों लागत का 60 प्रतिशत (63000 या 90000) अनुदान दिया जाता है. इसके देश के और राज्य भी अपने यहां के किसानों को तालाब निर्माण पर कई योजनाओं के माध्यम से अनुदान देते हैं. (Fish Farming Business)
मछली पालन के लिए कैसे प्राप्त करें बैंक से ऋण :
मछली पालन हेतु ऋण लेने के लिए सबसे पहले आपको अपने क्षेत्र के मत्स्य पालन विभाग में संपर्क करना होगा. बता दें कि मत्स्य पालन योजना के तहत कार्यालय में अपने राज्य के मुताबिक आवेदन करना होगा. (Fish Farming Business)
कितना मिलेगा अनुदान :
लागत खर्च अनुदान
- नया तालाब खर्च 7 लाख प्रति हेक्टेयर : 6.30 लाख
- चनौर एरिया में तालाब बनाने में 5 लाख : 4.50लाख
- रियरिंग तालाब बनाने में खर्च 6 लाख : 5.40 लाख
- फिश फीड मिल बड़ा 1 करोड़ रुपए : 90 लाख
- हैचरी निर्माण पर खर्च 22 लाख : 19.80 लाख
- फिश फीड मिल छोटा 10 लाख : 9 लाख
- जलाशय में केज 3 लाख प्रति केज : 2.90 लाख
- ट्यूबवेल कराने पर खर्च 50 हजार : 25 हजार
- पंपसेट के लिए खर्च 25 हजार : 12.50 हजार