देश में ओमिक्रॉन से पहली मौत BIG NEWS: कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन से भारत में पहली मौत....24 राज्य में पहुंचा नया वैरिएंट….महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा 450 केस…. वहीं वैज्ञानिकों की चेतावनी, अप्रैल के अंत तक ओमिक्रॉन से इतने हज़ार लोगों की मौत होने का अंदेशा....मचा हड़कंप.....




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नया भारत डेस्क : देश में ओमिक्रॉन के मरीजों की तादाद शुक्रवार को 1 हजार के आंकड़े को पार कर गई है। भारत में सिर्फ 28 दिनों में ही 24 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में ओमिक्रॉन के मरीजों की कुल संख्या 1002 तक पहुंच गई। महाराष्ट्र में नए वैरिएंट के केस 450 तक हो गए हैं। यह देश में सबसे ज्यादा है। यहां शुक्रवार को एक ही दिन में रिकॉर्ड 198 मरीज मिले हैं। न्यूज एजेंसी ANI के मुताबिक, ओमिक्रान से पहली मौत भी महाराष्ट्र में ही दर्ज की गई है।
देश में ओमिक्रॉन से पहली मौत महाराष्ट्र में दर्ज की गई है। यहां 52 साल के ओमिक्रॉन संक्रमित की मौत दिल का दौरा पढ़ने से हुई है। न्यूज एजेंसी ANI के मुताबिक, मरीज की मौत 28 दिसंबर को ही हो गई थी। नाइजीरिया से लौटे इस शख्स का इलाज पिंपरी चिंचवाड म्यूनिसिपल कॉरपोर्रेशन के यशवंत चव्हाण अस्पताल में चल रहा था। वह 13 साल से डायबिटीज का शिकार था।
हालांकि राज्य सरकार ने इसे नॉन-कोविड कारणों से हुई मौत माना है। राज्य के पब्लिक हेल्थ डिपार्टमेंट ने बताया कि यह संयोग है कि नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी को भेजे गए मरने वाले के सैंपल्स के जीनोम सीक्वेंसिंग की आज आई रिपोर्ट से पता चला कि वह ओमिक्रॉन संक्रमित है।
9 राज्यों में ओमिक्रॉन के मरीज नहीं
देश के 9 राज्य अभी भी ओमिक्रॉन से बचे हुए हैं। इनमें बिहार, झारखंड, छत्तीसगढ़, सिक्किम, मिजोरम, त्रिपुरा, नगालैंड, अरुणाचल प्रदेश और मेघालय शामिल हैं।
ब्रिटेन के वैज्ञानिकों ने कोरोना वायरस के नए वेरिएंट को लेकर बड़ी चेतावनी दी है कि अप्रैल के अंत तक देश में ओमिक्रॉन से होने वाली मौतों की संख्या 25,000 से 75,000 तक हो सकती है, जो इस बात पर निर्भर करता है कि देश में टीकाकरण में कितनी प्रगति है।
उस देश के विशेषज्ञों का कहना है कि कोविड के ओमिक्रॉन स्वरूप को लेकर अभी भी अनिश्चितता है। ऐसा तब कहा जा रहा है जबकि इसकी स्टडी लंदन स्कूल ऑफ हाइजीन एंड ट्रॉपिकल मेडिसिन में रोग प्रतिरूपकों के एक प्रभावशाली समूह द्वारा की गयी है जो सरकार को भी सलाह भी देते हैं। LSHTM की स्टडी इस धारणा पर आधारित है कि यदि किसी को टीका लगाया गया है तो ओमिक्रॉन का असर उस पर कम है और मौजूदा प्लान बी उपायों को भी ध्यान में रखा गया है। शोधकर्ताओं ने कहा कि कोरोना वैक्सीन की डोज अधिक लेने से ओमिक्रॉन का प्रभाव कम होने की संभावना है।