Driving License : बड़ी खबर! Supreme Court ने ड्राइविंग लाइसेंस को लेकर केंद्र सरकार से पूछा ये सवाल, जाने क्या है सवाल...
Driving License: Big news! Supreme Court asked this question to the Central Government regarding driving license, know what is the question... Driving License : बड़ी खबर! Supreme Court ने ड्राइविंग लाइसेंस को लेकर केंद्र सरकार से पूछा ये सवाल, जाने क्या है सवाल...




Driving License :
नया भारत डेस्क : भारत के सर्वोच्च न्यायालय (Supreme Court) ने केंद्र सरकार से पूछा है कि क्या कानून में बदलाव की आवश्यकता है, ताकि यह तय किया जा सके कि क्या कोई व्यक्ति जो हल्के मोटर वाहन के लिए ड्राइविंग लाइसेंस (driving license) रखता है, वह किसी विशेष वजन के ट्रांसपोर्ट व्हीकल (transport vehicle) को कानूनी रूप से चलाने का हकदार है। (Driving License)
मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पांच-न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने कहा कि ये नीतिगत मुद्दे हैं जो लाखों लोगों की आजीविका को प्रभावित करते हैं। पीठ ने कहा कि सरकार को इस मामले पर "नया सिरे से विचार" करने की जरूरत है और कहा कि इसे नीतिगत स्तर पर उठाया जाना चाहिए। शीर्ष अदालत ने केंद्र से दो महीने के भीतर इस प्रक्रिया को पूरा करने और किए गए निर्णय के बारे में उसे अवगत कराने के लिए कहा। (Driving License)
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि कानून के किसी भी व्याख्या को सड़क सुरक्षा और सार्वजनिक परिवहन के अन्य उपयोगकर्ताओं की सुरक्षा के वैध चिंताओं को ध्यान में रखना चाहिए। शीर्ष अदालत ने पहले ही सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (Ministry of Road Transport and Highways) और अटॉर्नी जनरल आर वेंकटरमणी से इस कानूनी सवाल पर सहायता मांगी थी कि क्या एक व्यक्ति जो एक हल्के मोटर वाहन के लिए ड्राइविंग लाइसेंस रखता है, क्या वह किसी विशेष वजन के परिवहन वाहन को कानूनी रूप से चलाने का हकदार है। (Driving License)
संविधान पीठ ने कहा कि केंद्र सरकार के सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (Ministry of Road Transport and Highways) की स्थिति जानना आवश्यक होगा, क्योंकि यह तर्क दिया गया था कि मुकुंद देवांगन बनाम ओरिएंटल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड के मामले में, शीर्ष अदालत के 2017 के फैसले को केंद्र ने स्वीकार कर लिया है और नियमों को इस निर्णय के अनुरूप संशोधित किया गया है। (Driving License)
मुकुंद देवांगन मामले में, शीर्ष अदालत की तीन-न्यायाधीशों की पीठ ने माना था कि परिवहन वाहन, जिनका कुल वजन 7,500 किलोग्राम से ज्यादा नहीं है, को एलएमवी की परिभाषा से बाहर नहीं रखा गया है। पीठ ने कहा, "देश भर में लाखों ड्राइवर हैं जो देवांगन फैसले के आधार पर काम कर रहे हैं। यह एक संवैधानिक मुद्दा नहीं है। यह एक शुद्ध वैधानिक मुद्दा है।" इस पीठ में न्यायमूर्ति हृषिकेश रॉय, पीएस नरसिम्हा, पंकज मितल और मनोज मिश्रा भी शामिल थे। (Driving License)
पीठ ने कहा, "यह सिर्फ कानून का सवाल नहीं है, बल्कि कानून के सामाजिक प्रभाव का भी सवाल है... सड़क सुरक्षा को कानून के सामाजिक उद्देश्य के साथ संतुलित किया जाना चाहिए और आपको यह देखना होगा कि क्या इससे गंभीर कठिनाइयां पैदा होती हैं। हम संविधान पीठ में सामाजिक नीति के मुद्दों का फैसला नहीं कर सकते।" शीर्ष अदालत ने कहा कि एक बार सरकार अदालत को अपना रुख बता दे, उसके बाद संविधान पीठ में सुनवाई की जाएगी। (Driving License)