DRDO ने जारी की गाइडलाइन: कौन से मरीज ले सकते हैं कोरोना की 2-DG दवा... किन मरीजों को हो सकता है इससे नुकसान... जानें किन मरीजों पर असरदार होगी दवा और किन्हें हो सकता है नुकसान......




नई दिल्ली। कोरोना रोगियों के लिए रक्षा अनुसंधान व विकास संगठन (डीआरडीओ) द्वारा तैयार की गई दवा '2डीजी' को वरदान के रूप में देखा जा रहा है। यह दवा अब रोगियों के इस्तेमाल के लिए उपलब्ध है। अभी भी इस दवा को लेकर कई सवाल हैं जैसे यह दवा कौन ले सकता है, किस तरह के मरीजों में इसके इस्तेमाल से कितना फायदा हो रहा है। अब डीआरडीओ ने इसके इस्तेमाल को लेकर निर्देश जारी किए हैं। डीआरडीओ ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से ट्वीट किया है यह दवा डॉक्टरों के सुझाव और निगरानी के अंदर कोविड-19 मरीजों को दी जा सकती है।
>>डीआरडीओ ने ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया की ओर से मान्य निर्देशों जारी किए हैं। इसके मुताबिक, यह दवा उन कोरोना मरीजों को दी जा सकती है जो अस्पताल में भर्ती हैं।
>>यह दवा कोरोना संक्रमण के पहले 10 दिनों के अंदर या उससे पहले मरीज को दी जानी चाहिए।
>>अनियंत्रित डायबिटीज, गंभीर हृदय रोग वाले मरीज, एआरडीएस, कमजोर गुर्दे वाले मरीजों पर अभी तक 2 डीजी दवा का परीक्षण नहीं किया गया है। इसलिए इन लोगों को यह दवा नहीं देनी चाहिए।
>>2 डीजी दवा गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं को भी नहीं दी जानी चाहिए। इसके अलावा 18 साल से कम आयु के किशोर-किशोरियों को भी यह दवा नहीं दी जानी चाहिए।
>>मरीजों/परिजनों को अगर यह दवा चाहिए तो वह अपने अस्पताल से आपूर्ति के लिए हैदराबाद स्थित डॉक्टर रेड्डी लैब से संपर्क करने को कहें।
यह दवा डॉक्टर की पर्ची के निर्देश के आधार पर ही दी जा सकती है। शुरुआत में 2 डीजी दवा मॉडरेट से सीवियर (गंभीर) मरीजों को जल्द से जल्द से दी जाए और यह अधिकतम दस दिनों के लिये दी जा सकती है। यह दवा डायबिटीज, सीवियर कार्डियक प्रॉब्लम, एआरडीएस, सीवियर हिपेटिक एंड रीनल इम्पैर्मेंट मरीजों को सावधानी से देनी चाहिए क्योंकि इस तरह के मरीजों पर दवा का असर अध्ययन नहीं हुआ है।
साथ ही कहा गया है कि 2 डीजी दवा गर्भवती महिलाओं, स्तनपान कराने वाली महिलाओं और 18 साल से कम के मरीजों को नहीं देनी चाहिए। मरीज और अटेंडेड को डीआरडीओ की तरफ से यह सलाह दी गई है कि वो अपने अस्पताल को अनुरोध करे कि अगर उन्हें यह दवा की जरूरत है तो डॉक्टर रेड्डी लैब के मेल आईडी [email protected] पर संपर्क करे।
2-डीजी दवा के इस्तेमाल को लेकर जारी गाइडलाइंस में संस्था ने बताया है कि कोरोना के रोगी/देखभाल करने वाले लोगों को दवा की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए संबंधित अस्पताल के अधिकारियों से बात करनी चाहिए। कोरोना के जिन अस्पतालों में यह दवा उपलब्ध नहीं हैं वह हैदराबाद स्थित डॉ रेड्डी लैब से संपर्क करके 2-डीजी दवा प्राप्त कर सकते हैं।
स्वास्थ्य अधिकारियों के मुताबिक यह दवा पाउडर के रूप में उपलब्ध है जिसे पानी में घोलकर इस्तेमाल किया जा सकेगा। शरीर में पहुंचते ही यह दवा संक्रमित कोशिकाओं में जमा होकर वायरस को शरीर में बढ़ने से रोकने में मदद करेगी। यही गुण इस दवा को खास बनाती है। देश में कोरोना मरीजों की लगातार बढ़ती संख्या और ऑक्सीजन की कमी के कारण हो रही मौतों के बीच इस दवा को विशेषज्ञ वरदान के रूप में देख रहे हैं।