CG WEATHER NEWS : छत्तीसगढ़ में दिख रहा चक्रवात मिचौंग का रौद्र रूप, राजधानी समेत प्रदेश के इन हिस्सों में हुई बारिश, किसानों की बढ़ी चिंता…..
बंगाल की खाड़ी में बनें चक्रवाती तूफान मिचौंगके प्रभाव से छत्तीसगढ़ में मौसम का मिजाज बदला है। बता दें कि प्रदेश में उत्तर भारत और मध्य भारत में मौसमी बदलाव का असर छत्तीसगढ़ में भी पड़ रहा है। जहां सर्दियों ने अपना सितम ढाना शुरू कर दिया है। वहीं बंगाल की खाड़ी में एक नए चक्रवाती तूफान ने दस्तक देना शुरू कर दिया है।




रायपुर। बंगाल की खाड़ी में बनें चक्रवाती तूफान मिचौंगके प्रभाव से छत्तीसगढ़ में मौसम का मिजाज बदला है। बता दें कि प्रदेश में उत्तर भारत और मध्य भारत में मौसमी बदलाव का असर छत्तीसगढ़ में भी पड़ रहा है। जहां सर्दियों ने अपना सितम ढाना शुरू कर दिया है। वहीं बंगाल की खाड़ी में एक नए चक्रवाती तूफान ने दस्तक देना शुरू कर दिया है। यह चक्रवाती तूफान मिचौंग नाम का है जो अब छत्तीसगढ़ के भी मौसम का हाल बिगाड़ रहा है। बताया जा रहा है कि च्रकवाती तूफान मिचौंग दक्षिण-पश्चिम बंगाल की खाड़ी में पहुंच रहा है।
मिली जानकारी के मुताबिक बंगाल की दक्षिणपूर्व खाड़ी और उससे सटे हुए दक्षिण अंडमान सागर के ऊपर कम दबाव का क्षेत्र अब कम दवाब वाले इलाके में पूरी तरह से तब्दील हो गया है, जिसकी वजह से चक्रवाती तूफान आने का खतरा बढ़ता जा रहा है। तूफान के धीरे-धीरे तेज होने और लगभग उत्तर की ओर लगभग समानांतर और दक्षिण आंध्र प्रदेश तट के करीब बढ़ने की संभावना है और अधिकतम निरंतर हवा की गति बढ़ रही है। इसके साथ ही एक गंभीर चक्रवाती तूफान मिचौंग के रूप में 90-100 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से 110 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से पांच दिसंबर यानी आज दोपहर के दौरान बापटला के करीब, नेल्लोर और मछलीपट्टनम के बीच दक्षिण आंध्र प्रदेश तट को पार कर जाएगा।
पेंड्रा, राजिम, कांकेर, भानुप्रतापपुर, केशकाल, सुकमा, दंतेवाड़ा और अंबिकापुर जिले में भी मौसम का मिजाज बदल गया है। इन जगहों में सुबह से हल्की बारिश हो रही है। ठंडी हवाओं ने इलाके में ठिठुरन बढ़ा दी है। राजिम में सुबह से हो रही बारिश से किसानों को परेशानी हो रही है। धान भीगने से बचाने के लिए किसान त्रिपाल लगा रहे हैं। मौसम विभाग के अनुसार बताया जा रहा है कि आज दिनभर बारिश होने की संभावनाएं है। किसानों को इस हल्की बारिश के कारण धान की चिंता सताई जा रही है, कि कहीं उनकी कटी फसल खराब न हो जाएं।