CG - शादी के पूर्व के अवैध रिश्ते की जानकारी दिये बगैर विवाह के बाद रिशेप्शन के दिन रिश्ता टुटा, अरेंज मैरिज के पूर्व माता-पिता भी रिश्ता जोड़ने से पहले ठीक तरह से पूछताछ करें...




शादी के पूर्व के अवैध रिश्ते की जानकारी दिये बगैर विवाह के बाद रिशेप्शन के दिन रिश्ता टुटा, अरेंज मैरिज के पूर्व माता-पिता भी रिश्ता जोड़ने से पहले ठीक तरह से पूछताछ करें।
रायपुर : छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ. किरणमयी नायक एवं सदस्य डॉ. अर्चना उपाध्याय, ने आज छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग के कार्यालय रायपुर में महिला उत्पीड़न से संबंधित प्रकरणों पर सुनवाई की। आयोग की अध्यक्ष डॉ. किरणमयी नायक की अध्यक्षता में आज 243 वीं सुनवाई हुई। रायपुर जिले में कुल 115 वीं जनसुनवाई।
आज के एक प्रकरण में आवेदिका का विवाह अनावेदक से 4 दिसंबर 2023 को हुआ था। आवेदिका को शादी के अगले ही दिन एक पत्र प्राप्त हुआ जिसमें अनावेदक के अवैध रिश्ते, दूसरी महिला के गर्भवती होने व गर्भपात के लिए अनावेदक के द्वारा पैसे दिये जाने की जानकारी मिली। ऐसा पत्र प्राप्त होने पर आवेदिका अगले ही दिन अपने मायके वापस आ गई।
अन्य अनावेदकगणों ने आवेदिका पर रिश्ते में बने रहने के लिए दबाव बनाया। आवेदिका के ससुराल पक्ष में एक अनावेदक महिला एवं बाल विकास अधिकारी व ए.एस. आई भी है, जिससे आवेदिका घबराई हुई है व अनावेदकगणों के विरूध्द कार्यवाही चाहती है। सभी अनावेदकगणों को उपस्थित होने का निर्देश दिया गया, ताकि दोनों पक्षों को सुना जा सके।
इस प्रकरण में आयोग की अध्यक्ष डॉ. किरणमयी नायक ने कहा कि शादी के पूर्व के अवैध रिश्ते की जानकारी दिये बगैर विवाह के बाद रिशेप्शन के दिन रिश्ता टुटा, ऐसे रिश्ते करने वाले लड़के व परिजनों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही होनी चाहिए। अरेंज मैरिज के पूर्व माता-पिता भी रिश्ता जोड़ने से पहले ठीक तरह से पूछताछ करें। पति-पत्नी दोनो शासकीय सेवक है। पति की नौकरी भी जा सकती है। अतः भविष्य में इस तरह की घटना किसी भी रिश्ते में ना हो, इस बात का ध्यान हर आम नागरिक को रखने की आवश्यकता है।
अन्य प्रकरण में अनावेदक दूसरी महिला की वजह से दोनो पक्षों के बीच तनाव की स्थिति उत्पन्न हो गई। दोनो की 15 व 13 वर्ष की बेटियां है। उभय पक्ष की काउंसलिंग की गई जिसमें अनावेदक ने स्वीकार किया कि दोनो बेटियों के नाम पर जमीन की राशि को फिक्स डिपॉजिट करेगा, हाइवे की जमीन, मकान, दो दुकान आवेदिका के नाम करेगा व पत्नी के साथ कोई विवाद नही करेगा। दोनो पक्षों के मध्य समझौतानामा के पूर्व अनावेदक (अन्य महिला) को बुलाया जाना आवश्यक है जिससे प्रकरण की सुनवाई की जा सके।
अन्य प्रकरण में आवेदिकागण के 6 माह का वेतन अनावेदक ने दे दिया है। व एक माह का बकाया वेतन के साथ 1 माह का वेतन क्षतिपूर्ति के रूप में आवेदिका चाहती है। 1 माह के बकाया वेतन के अलावा 3 माह का वेतन क्षतिपूर्ति के रूप में चाहती है। और अनुभव प्रमाण पत्र चाहती है। उपस्थित मैनेजर से पूछने पर मैनेजर का कथन है कि वह इस पर कोई निर्णय नहीं ले सकता है। आयोग की ओर से अनावेदकगण के लिए अंतिम अवसर दिया जा रहा है। जिसमें आवेदिकागणों की मांग और निदान पर चर्चा होगी।