CG- पेड़ के नीचे कक्षा बैन BIG NEWS: CG में स्कूली बच्चों के लिए राहत की खबर... बच्चों की सुरक्षा के लिए सख्त एडवायजरी... लू चलेगी तो बदलेगा विद्यालय का समय.... टीनशेड, पेड़ के नीचे नहीं लगेंगी क्लास.....

Strict advisory safety children Only morning shifts held tin-cement shed school class ban

CG- पेड़ के नीचे कक्षा बैन BIG NEWS: CG में स्कूली बच्चों के लिए राहत की खबर... बच्चों की सुरक्षा के लिए सख्त एडवायजरी... लू चलेगी तो बदलेगा विद्यालय का समय.... टीनशेड, पेड़ के नीचे नहीं लगेंगी क्लास.....
CG- पेड़ के नीचे कक्षा बैन BIG NEWS: CG में स्कूली बच्चों के लिए राहत की खबर... बच्चों की सुरक्षा के लिए सख्त एडवायजरी... लू चलेगी तो बदलेगा विद्यालय का समय.... टीनशेड, पेड़ के नीचे नहीं लगेंगी क्लास.....

...

 

Raipur news: स्कूल शिक्षा विभाग (school education department) ने सभी 55 लाख स्कूली बच्चों (school children) की सुरक्षा (safety) के लिए सख्त एडवायजरी (strict advisory) जारी की है। छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) में स्कूलों का शिक्षा सत्र (school academic session) 1 अप्रैल से शुरू हो रहा है। कई स्कूल अब भी खुले हैं, लेकिन शुक्रवार से लगभग सभी स्कूल खुल जाएंगे। इस दौरान भीषण गर्मी की आशंका है। गर्मी को देखते हुए 55 लाख विद्यार्थियों को बचाने की एडवाइजरी बनाई है। इस पर तीन स्तरों प्रशासन, शाला एवं पारिवारिक स्तर अमल में लाने को कहा गया है। 

 

 

राज्य में ग्रीष्मकालीन अवकाश (summer vacation) में कटौती कर कुछ और दिनों तक कक्षाएं लगाए जाने का निर्देश हैं। इस वजह से परिवार स्तर पर किए जाने वाले कार्यों की जानकारियां को बच्चों को कॉपी में नोट करवाकर उनके अभिभावकों से हस्ताक्षर करवाने, सभी घरों तक संदेश पहुंचाया जा रहा है। इसे बनाने में यूनिसेफ के आपदा प्रबंधन प्रकोष्ठ का सहयोग भी लिया गया है। स्कूल शिक्षा विभाग ने शालाओं को टीनशेड, पेड़ और एसबेस्टस शीट के नीचे नहीं लगाने के सख्त निर्देश दिए हैं।

 

अब स्कूल आते ही सबसे पहले बच्चे से पूछा जाएगा कि पिछले 8-10 घंटों में उसे उल्टी-दस्त, बुखार, शरीर में दर्द आदि की परेशानी तो नहीं हुई। यदि ऐसा है तत्काल अभिभावक को सूचना देकर उनकी देखरेख या डॉक्टर के पास भेजा जाएगा। प्रदेश में भविष्य में और तापमान बढ़ने की संभावना को लेकर मुख्यमंत्री शाला सुरक्षा कार्यक्रम के अनुसार गर्मी से बचाव की एडवाइजरी का पालन कराने सभी डीईओ को इस आपदा प्रबंधन का नोडल अधिकारी बनाया गया है।

 

 

 

 

स्कूल स्तर पर (at school level)

 

1 सभी शालाओं पर पीने के पानी की जांच की जाए। पानी के स्रोत की मरम्मत की कराएं, ताकि शुद्ध पेयजल की आपूर्ति में बाधा न पड़े।

2 सभी शालाओं में ओआरएस पाउडर तथा उसके विकल्प के रूप में नमक व चीनी की उपलब्ध रहे। जो ताप-घात, उल्टी व दस्त होने में प्रयोग हो सके।

3 गरम हवाओं व लू के चलने या तापमान के सामान्य से अधिक रहने के दौरान शालाओं का संचालन किन्ही भी परिस्थतियों में टीनशेड के नीचे, खुले में पेड़ के नीचे, एसबेस्टस शीट के नीचे नहीं किया जाए। ऐसी परिस्थितियों में उपयुक्त स्थान का चयन पूर्व में ही कर लिया जाए।

4 अगर शालाओं में बिजली है, वहां विद्युत विभाग के कर्मियों से समन्वय स्थापित करें, ताकि शालाओं में विद्युत आपूर्ति होती रहे। स्थानीय स्तर पर पंचायत के समन्वय से केंद्र पर पंखे लगवाने का प्रयास करें।

 

प्रशासन स्तर पर (at the administrative level)

 

1. गरम हवाओं व लू लगने के लक्षण, उसके कुप्रभाव एवं प्राथमिक उपचार के संदर्भ में सभी शिक्षकों, ब्लाक स्तर पर कार्य करने वाले अधिकारियों को बताया जा रहा है कि किन लक्षणों के होने पर प्रभावित को तत्काल विशेष चिकित्सकीय सहायता की आवश्यकता होगी।

2. गरम हवाओं लू के चलने के दौरान या तापमान के सामान्य से अधिक रहने पर स्थितियों की समीक्षा कर आवश्यकतानुसार शालाओं के संचालन के समय में बदलाव किया जा सकता है। इसके लिए स्कूल शिक्षा विभाग के पत्रों के अनुसार आवश्यक कार्रवाई करें।

3. गरम हवाओं व लू से प्रभावित होने पर या लग जाने पर तत्काल क्या किया जाना चाहिए? क्या नहीं किया जाना चाहिए, की जानकारी प्राप्त कर उसका प्रचार-प्रसार किया जाए।

4. सभी शालाओं में ओआरएस पावडर रखें, ताकि लू लगने पर प्रभावितों के लिए ओआरएस पाउडर जो ताप-घात में प्रयोग की जा सके।

5. लू चलने के दौरान उसके चपेट में आने पर इलाज करने के लिए जिले के स्वास्थ्य विभाग से समन्वय स्थापित करें। प्राथमिकता के आधार पर स्थानीय अस्पताल में उपचार या भर्ती कराया जा सके।

 

 

मौसम विभाग से मिली सूचनाओं के आधार पर शासन का अनुमान है कि प्रदेश में अप्रैल-मई में तापमान काफी बढ़ सकता है जबकि स्कूल 15 मई तक लगने हैं। इसी वजह से मुख्यमंत्री शाला सुरक्षा कार्यक्रम के अनुसार गर्मी से बचाव की एडवायजरी जारी की गई है। हर जिले के शिक्षा अधिकारी (डीईओ) को गर्मी की एडवायजरी का पालन करवाने के लिए नोडल बनाया गया है।