STAND-UP INDIA SCHEME: स्टैंड अप इंडिया स्कीम के तहत 30,160 करोड़ रुपये से ज्यादा के लोन हुए स्वीकृत... 6 साल में इतने लोगों को मिली मदद.... जानें स्कीम की खासियतें.....

Stand Up India Scheme initiative Prime Minister Narendra Modi highlights India entrepreneurial energy

STAND-UP INDIA SCHEME: स्टैंड अप इंडिया स्कीम के तहत 30,160 करोड़ रुपये से ज्यादा के लोन हुए स्वीकृत... 6 साल में इतने लोगों को मिली मदद.... जानें स्कीम की खासियतें.....
STAND-UP INDIA SCHEME: स्टैंड अप इंडिया स्कीम के तहत 30,160 करोड़ रुपये से ज्यादा के लोन हुए स्वीकृत... 6 साल में इतने लोगों को मिली मदद.... जानें स्कीम की खासियतें.....

STAND-UP INDIA SCHEME

 

PM highlights India’s entrepreneurial energy on 6th anniversary of Stand Up India: स्टैंड अप इंडिया की छठी वर्षगांठ पर प्रधानमंत्री ने भारत की उद्यमिता ऊर्जा के महत्व को रेखांकित किया। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने स्टैंड अप इंडिया पहल को, भारत की उद्यमिता ऊर्जा को रचनात्मक स्वरूप देने के प्रयासों का एक हिस्सा कहा है। आज स्टैंड अप इंडिया पहल के 6 साल पूरे हो गए हैं। प्रधानमंत्री ने ट्वीट किया: "भारत उद्यमिता ऊर्जा से परिपूर्ण है और स्टैंड अप इंडिया पहल, आगे की प्रगति और समृद्धि को दिशा देने के लिए इस मनोभाव को रचनात्मक स्वरूप देने के प्रयासों का एक हिस्सा है।" STAND-UP INDIA SCHEME

 

 

6 वर्ष पूर्व शुरू हुई स्टैंड अप इंडिया योजना आज महिलाओं, अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजातियों के बीच उद्यमिता के माध्यम से आर्थिक रूप से सशक्तिकरण एवं रोजगार सृजन का उल्लेखनीय उदाहरण बनकर उभरी है। StandUpIndiaScheme की 6वीं वर्षगांठ पर, वित्त मंत्री (Finance Minister) निर्मला सीतारमण ने कहा, इन उभरते उद्यमियों की क्षमता न केवल धन-सृजनकर्ता बल्कि नौकरी-सृजनकर्ता के रूप में अपनी भूमिकाओं के माध्यम से आर्थिक विकास को चलाने में है। STAND-UP INDIA SCHEME

 

अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और महिला समुदाय के आकांक्षी उद्यमियों के सामने आने वाली चुनौतियों को स्वीकार करते हुए जमीनी स्तर पर उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए 5 अप्रैल 2016 को स्टैंड अप इंडिया योजना की शुरुआत की गयी थी। वित्त वर्ष 2021-22 के बजट भाषण में केंद्रीय वित्त मंत्री द्वारा की गई घोषणा के अनुरूप इस योजना में कुछ बदलाव किए गए हैं। उधार के इच्छुक व्यक्ति द्वारा लाई जाने वाले अग्रिम धनराशि (मार्जिन मनी), जिसे लोन प्राप्ति के लिए बैंक में जमा करना होता है, की सीमा को परियोजना लागत के 25 फीसदी तक से घटाकर 15 फीसदी तक कर दिया गया है। STAND-UP INDIA SCHEME

 

हालांकि, उधार के इच्छुक व्यक्ति द्वारा परियोजना लागत का कम से कम 10 फीसदी स्वयं के योगदान के रूप में देना जारी रहेगा। कृषि से संबद्ध गतिविधियों जैसे- मछली पालन, मधुमक्खी पालन, मुर्गी पालन, पशुधन, पालन, सॉर्टिंग, कृषि उद्योग एकत्रीकरण, डेयरी, मत्स्य पालन, कृषि और कृषि व्यवसाय केंद्र, खाद्य और कृषि प्रसंस्करण (फसल लोन व नहरों, सिंचाई, कुओं जैसे भूमि उन्नयन को छोड़कर) आदि से जुड़े उद्यम और इन उद्यमों का समर्थन करने वाली सेवाएं, योजना के लिए पात्र मानी जाएगी। STAND-UP INDIA SCHEME

 

बिना गिरवी के लोन की सुविधा का विस्तार करने के क्रम में, भारत सरकार ने स्टैंड अप इंडिया (सीजीएफएसआई) के लिए क्रेडिट गारंटी फंड (Credit Guarantee Fund) की स्थापना की है। क्रेडिट सुविधा प्रदान करने के अलावा, स्टैंड अप इंडिया योजना में संभावित उधार लेने वालों को समर्थन व मार्गदर्शन प्रदान करने की भी परिकल्पना की गई है। इसमें केंद्र/राज्य सरकार की योजनाओं के साथ तालमेल का भी प्रावधान है। इस योजना के तहत आवेदन ऑनलाइन (www.standupmitra.in) पोर्टल पर भी जमा किए जा सकते हैं।STAND-UP INDIA SCHEME

 

 

अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति और/या महिला उद्यमी, जिनकी आयु 18 वर्ष से अधिक है। योजना के तहत लोन केवल परियोजनाओं के लिए उपलब्ध हैं। इस संदर्भ में, ग्रीनफील्ड का मतलब है- विनिर्माण, सेवा या व्यापार क्षेत्र और कृषि से संबद्ध गतिविधियों में लाभार्थी का पहली बार उद्यम नॉन-इंडिविजुअल एंटरप्राइजेज के मामले में, 51 फीसदी शेयरहोल्डिंग और नियंत्रण हिस्सेदारी अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति के व्यक्ति और/या महिला उद्यमी के पास होनी चाहिए। उधार लेनेवाले को किसी बैंक/वित्तीय संस्थान में लोन न चुका पाने का दोषी नहीं होना चाहिए।

 

इस योजना में लोन प्राप्तकर्ता द्वारा जमा की जाने वाली अग्रिम धनराशि (मार्जिन मनी) के ’15 फीसदी तक’ होने की परिकल्पना की गई है, जिसे उपयुक्त केंद्रीय/राज्य योजनाओं के प्रावधानों के अनुरूप उपलब्ध कराया जा सकता है। ऐसी योजनाओं का लाभ स्वीकार्य सब्सिडी प्राप्त करने या अग्रिम धनराशि (मार्जिन मनी) आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए किया जा सकता है, लेकिन सभी मामलों में, उधार लेने वाले को परियोजना लागत का न्यूनतम 10 प्रतिशत स्वयं के योगदान के रूप में देना होगा।

 

 

 

केंद्रीय वित्त मंत्री ने कहा कि हम स्टैंड-अप इंडिया योजना की छठी वर्षगांठ मना रहे हैं, यह देखना सुखद है कि इस योजना के तहत अब-तक 1.33 लाख से अधिक रोजगार के अवसरों का सृजन करने वालों और उद्यमियों को सुविधा दी गई है। सीतारमण ने आगे कहा कि इस योजना के छह वर्षों के दौरान 1 लाख से अधिक महिला प्रमोटर को लाभ मिला है। सरकार आर्थिक विकास को गति देने में इन उभरते उद्यमियों की क्षमता को समझती है, जो अपनी भूमिकाओं के माध्यम से न केवल धन का, बल्कि रोजगार के अवसरों का भी सृजन करते हैं।