Reservation in Chhattisgarh: आरक्षण मामले में आदिवासी समाज को झटका;सुप्रीम कोर्ट ने 58 प्रतिशत आरक्षण जारी रखने अंतरिम राहत देने से किया साफ इंकार…अगली सुनवाई…
डेस्क : छत्तीसगढ़ का आरक्षण कानून रद्द होने के खिलाफ उच्चतम न्यायालय पहुंचे आदिवासी समाज को राहत मिलती नजर नहीं आ रही है।




Reservation in Chhattisgarh: Shock to tribal society in reservation case
नया भारत डेस्क : छत्तीसगढ़ का आरक्षण कानून रद्द होने के खिलाफ उच्चतम न्यायालय पहुंचे आदिवासी समाज को राहत मिलती नजर नहीं आ रही है। सोमवार को सुनवाई के बाद न्यायालय ने 58% आरक्षण को जारी रखने की अंतरिम राहत देने से इन्कार कर दिया। अदालत ने सभी पक्षकारों को 4 मार्च तक लिखित जवाब पेश करने को कहा है। मामले की अगली सुनवाई अब 22 मार्च को होगी।
58 प्रतिशत आरक्षण के मसले पर सुप्रीम कोर्ट में 11 स्पेशल लीव पिटीशन याचिका लगी हुई है। जिसमे 1 याचिका राज्य सरकार की, तीन आदिवासी समाज की, व तीन आदिवासी संगठनों की याचिका लगी है। इसी तरह सामान्य वर्ग के चार व्यक्तियों ने भी याचिका लगाई हुई है। आज आरक्षण के मसले पर सुप्रीम कोर्ट में आज सुनवाई हुई। सुनवाई में अनुसूचित जनजाति शासकीय सेवक विकास संघ की ओर से प्रदेश में 2012 से लागू 58 प्रतिशत आरक्षण को आगे भी लागू रखने के लिए याचिका की अंतिम सुनवाई होने तक अंतरिम राहत देने की मांग की।
आज हुए बहस के दौरान सामान्य वर्ग के अभ्यर्थियों की ओर से पेश हुए अधिवक्ता कौस्तुभ शुक्ला ने इसका विरोध किया। और हाईकोर्ट के द्वारा जारी भर्ती वेकेंसी में लागू किये गए आरक्षण रोस्टर के आदेश को पेश किया। जिसमे विभिन्न पदों पर भर्ती के लिए जारी विज्ञापन में अनुसूचित जाति को 16, अनुसूचित जनजाति को 20 व ओबीसी को 14 प्रतिशत आरक्षण देने का उल्लेख था। सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट ने 58 प्रतिशत आरक्षण को जारी रखने के लिए अंतरिम राहत देने से साफ इंकार कर दिया। साथ ही सभी पक्षकारों को चार मार्च तक लिखित जवाब पेश करने को कहा। मामले की अगली सुनवाई 22 मार्च को होगी।