CM से मिले राज्य प्रशासनिक सेवा संघ के पदाधिकारी: सौंपा ज्ञापन... डायरेक्टर के 20 और कलेक्टर के 5 पद मांगे... रखी ये मांगें भी....
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से आज यहाँ उनके निवास कार्यालय में छत्तीसगढ़ राज्य प्रशासनिक सेवा संघ के प्रतिनिधि मंडल ने सौजन्य मुलाकात की। उन्होंने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को पुष्प गुच्छ भेंटकर नववर्ष 2023 की शुभकामनाएं दी। संघ के सदस्यों ने मुख्यमंत्री को राज्य प्रशासनिक सेवा की शर्तों में गुणात्मक सुधार सम्बंधित ज्ञापन देकर निराकरण के लिए अनुरोध भी किया है।




Office-bearers of Chhattisgarh State Administrative Service Association pays courtesy call on Chief Minister
रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से आज यहाँ उनके निवास कार्यालय में छत्तीसगढ़ राज्य प्रशासनिक सेवा संघ के प्रतिनिधि मंडल ने सौजन्य मुलाकात की। उन्होंने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को पुष्प गुच्छ भेंटकर नववर्ष 2023 की शुभकामनाएं दी। संघ के सदस्यों ने मुख्यमंत्री को राज्य प्रशासनिक सेवा की शर्तों में गुणात्मक सुधार सम्बंधित ज्ञापन देकर निराकरण के लिए अनुरोध भी किया है।
इस अवसर पर अखिल भारतीय राज्य प्रशासनिक/नागरिक सेवा संघ के अध्यक्ष डॉ. जीबन चक्रवर्ती, महासचिव शिव दुलार सिंह ढिल्लों और लाजवीर सिंह भी उपस्थित थे। डॉ. जीबन चक्रवर्ती ने राज्य की लोककल्याणकारी योजनाओं के लिए मुख्यमंत्री की प्रशंसा की। उन्होंने राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों को राज्य सरकार द्वारा मिल रहे प्रोत्साहन के लिए मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया।
छत्तीसगढ़ राज्य प्रशासनिक सेवा संघ के अध्यक्ष आशुतोष पांडेय एवँ सदस्यों में सौमिल रंजन चौबे, डॉ. सूरज कश्यप, उमेश पटेल, हरवंश सिंह मिरी, जागेश्वर कौशल, जोगेन्द्र नायक, विरेन्द्र बहादुर पंचभाई, भारती चंद्राकर, भागवत जायसवाल, उमाशंकर बन्दे, पुलक भट्टाचार्य, मनीष साहू, दिव्या वैष्णव और रूचि शर्मा भी उपस्थित थीं।
छत्तीसगढ़ राज्य प्रशासनिक सेवा संघ के पदाधिकारियों ने राज्य प्रशासनिक सेवा की सेवा शर्तों में गुणात्मक सुधार बाबत आवेदन दिया। राज्य प्रशासनिक सेवा संघ ने कहा कि राज्य प्रशासनिक सेवा राज्य अंतर्गत समस्त सेवाओं में वरीयता रखता है। इस वरीयता को ध्यान में रखते हुए इसे राज्य सिविल सेवा श्रेणी ए मानते हुए प्रारंभिक प्रवेश स्तरीय पे ग्रेड ₹6000 निर्धारित किया जाना आवश्यक है। वर्तमान में चिकित्सकों एवं प्राध्यापकों के विषय में यह लागू है। कई अवसरों पर एसडीएम को इन्हें विधि अधीन निर्देश देने होते हैं किंतुकर्तव्य निर्वहन के समय यह विषमता विपरीत परिस्थितियाँ उत्पन्न करती है।
राज्य प्रशासनिक सेवा संघ ने कहा कि कोरोना अवधि में लागू किए गए अधिसूचना अनुरूप वर्तमान में 3 वर्ष की परिवीक्षा अवधि स्टाइपेंड के आधार पर निर्धारित की गई है। इस सेवा अवधि में लोक सेवकों को वित्तीय हानि के साथ-साथ, पदोन्नति के अवसर में विलंब भी हो रहा है। अतः इस प्रक्रिया को पूर्व की तरह किए जाने का अनुरोध है। स्वास्थ्य विभाग ने इसे अपनी सेवाओं में विलोपित कर दिया है। कोविड के दौरान राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों ने रात दिन प्रत्येक स्तर पर जिम्मेदारी निभाई है एवं लंबी अवधि तक अपने वेतन से कटौती करा शासन को आर्थिक सहयोग भी प्रदान किया है।
राज्य प्रशासनिक सेवा संघ ने कहा कि नवागंतुक अधिकारियों का मनोबल इस व्यवस्था से क्षीण होता जा रहा है। पुरानी व्यवस्था लागू करने पर केवल 33 अधिकारियों की वेतन में अल्प वृद्धि होगी जिनकी नियुक्ति कोविड काल में हुई है। विगत 2 वर्षों से भारतीय प्रशासनिक सेवा के पदों पर होने वाली पदोन्नति के संबंध में डीपीसी की कार्यवाही लंबित है, लंबित कार्यवाही शीघ्र करते हुई इस हेतु पात्र अधिकारियों को न्यायोचित लाभ प्रदान किए जाने का अनुरोध है। प्रत्येक वर्ष में इस प्रक्रिया के लिए हर स्तर पर कट ऑफ डेट एवं संबंधित अधिकारी की ज़िम्मेदारी नियत की जावे।
राज्य प्रशासनिक सेवा संघ ने कहा कि वर्तमान में 16 वर्ष में समय मान वेतनमान दिए जाने का प्रावधान है इसे 14 वर्ष में देय घोषित किया जाने का अनुरोध है। उक्त वेतनमान जिन अधिकारियों को मिला है वे भाप्रसे में पदोन्नत हो चुके हैं अतः सेटअप में स्वीकृत पे मैट्रिक्स लेवल 15 के 27 पद रिक्त हैं। इससे शासन को वित्तीय हानि नहीं होगी और उच्च स्तर पर अधिकारियों की पूर्ति होगी।
राज्य प्रशासनिक सेवा संघ ने कहा कि वर्तमान में राज्य प्रशासनिक सेवा में पदों की संख्या 465 हो चुकी है, परंतु अखिल भारतीय सेवा में पदोन्नति के लिए इस संख्या के अनुरूप पद ही नहीं है। इससे निकट भविष्य में राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों को पर्याप्त अनुभव के पश्चात भी भाप्रसे में पदोन्नत नहीं किया जा सकेगा। अखिल भारतीय सेवा के पदों की संख्या में तत्काल पुनरीक्षण की आवश्यकता है। साथ ही भाप्रसे-राप्रसे अधिकारियों के आदर्श अनुपात 1:1.5 को अपनाते हुए राप्रसे के वर्तमान पदों को सीमित किया जाना आवश्यक होगा। चरणबद्ध रूप से कार्य करने हेतु प्रथमतः इसमें मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत के 42 पद समर्पण किया जाने का अनुरोध है।
राज्य प्रशासनिक सेवा संघ ने कहा कि राज्य स्तर पर संचालक स्तर के न्यूनतम 20 पद एवं जिला स्तर पर कलेक्टर के न्यूनतम 5 पदों को राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों के लिए आरक्षित किया जाना उचित प्रतीत होता है । राप्रसे के समयमान वेतनमान के अधिकारी जो भाप्रसे में पदोन्नत न हो उन्हें ये पद दिये जायें। साथ ही इन पदों पर आईएफएस एवं अलायड सेवाओं के अधिकारी नियुक्त नहीं किए जायें।
राज्य प्रशासनिक सेवा संघ ने कहा कि राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों के प्रशिक्षण को अधिक सुदृढ़ एवं समयबद्ध किए जाने की आवश्यकता है। अखिल भारतीय सेवा के अधिकारियों के प्रशिक्षण की तरह, परिवीक्षा अवधि में प्रशिक्षण हेतु प्रभार एवं समय सीमा निर्धारित किया जा सकता है। साथ ही, समय-समय पर राष्ट्रीय स्तर की संस्थाओं एवं विदेश के प्रशिक्षण पर प्रवर श्रेणी में प्रवेश के पूर्व अनिवार्य रूप से भेजे जाने से राज्य की प्रशासनिक दक्षता में और वृद्धि होगी
राज्य प्रशासनिक सेवा संघ ने कहा कि राज्य प्रशासनिक सेवा संघ को प्रशासनिक विषयों पर रिसर्च के लिए न्यूनतम 25 लाखवार्षिक निधि का आवंटन किया जावे। वर्तमान में कर्नाटक एवं अन्य राज्यों में ये व्यवस्था है। राज्य के दुर्गम अनुसूचित क्षेत्रों में स्थानांतरण के लिए रोस्टर आधारित तंत्र विकसित किया जाना आवश्यक है एवं नीतियों में पदोन्नति के लिए उल्लेखित अनुसूचित क्षेत्र में सेवा की आवश्यकता को पारदर्शिता से लागू करने की आवश्यकता है।
राज्य प्रशासनिक सेवा संघ ने कहा कि राज्य के द्वारा राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों की वार्षिक चरित्रावली के लिए ऑनलाइन पोर्टल विकसित किया गया है। चरित्रावली पर टीप अंकित करने के लिए समय सीमा का प्रावधान किया गया है। इस समय सीमा के पश्चात चरित्रावली स्वतः अगले चरण को प्रेषित किए जाने का क्रियान्वयन सुनिश्चित किया जाना भी अपेक्षित है। जिन स्तरों पर ऑटोफोवेडिंग नहीं हुआ है उनसे स्पष्टीकरण लिये जाने की प्रणाली लागू की जावे।
राज्य प्रशासनिक सेवा संघ ने कहा कि राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों द्वारा राज्य के कई महत्वपूर्ण पदों पर सराहनीय सेवाएं प्रदान की जा रही है। सभी के उत्साहवर्धन के लिए, इनकी सेवाओं को राज्य स्तरीय पुरस्कार के माध्यम से प्रशंसित किया जाना एक उचित कदम प्रतीत होता है। छत्तीसगढ़ राज्य उत्कृष्ट लोक सेवा पुरस्कार इस दिशा में सदैव अधिकारियों को सजग और उत्साहित करता रहेगा।