नयापारा शिव मंदिर का हुआ पुनः जीर्णोद्धार, ध्वज स्तंभ एवम् शिवलिंग का हुआ प्राण प्रतिष्ठा*




सुकमा-जिले के अंतिम छोर कोंटा में 3 दशक पहले छत्तीसगढ़ सीमा से लगे कोंटा नगर के नयापारा के पहाड़ पर शिव मंदिर निर्माण किया गया था जहां पर हर वर्ष महाशिवरात्रि के साथ साथ कार्तिक पूर्णिमा पर्व पर हजारों की संख्या में दीप जलाकर भव्य रूप से पूजा अर्चना किया जाता था जिसको देखने के लिए कोंटा नगर के साथ साथ पड़ोसी राज्यों के श्रद्धालुओं का तांता लगा रहता था। जो कोंटा नगर के लिए आकर्षण का केंद्र माना जाता था।
*3दशक पहले मंदिर का निर्माण कराया गया था*
बताया जाता है कि 3 दशक पहले मंदिर निर्माण से लेकर हर वर्ष सम्पन्न होने वाले पर्वों को मनाने में भारतीय जनता पार्टी के दिग्गज नेता एवं भूतपूर्व मंडल अध्यक्ष , स्व 0 जी.अप्पलस्वामी रेड्डी जी का सराहनीय योगदान रहता था मंदिर निर्माण के वक़्त स्व.जी अप्पल स्वामी रेड्डी राजमिस्त्री के रुप में कार्य करते थे। भगवान के प्रति आस्था के चलते अपना सारा वक्त इस मंदिर को बनाने में शारीरिक एवम् मानसिक रूप से लगे रहे जिसके फलस्वरूप एक छोटा सा शिव मंदिर का निर्माण कर शिव लिंग की स्थापना किया गया था।
*वरिष्ट नागरिकों के सहयोग से छोटे से मंदिर को भव्य रूप दिया गया*
जी0अप्पल स्वामी रेड्डी ने नगर के वरिष्ठ नागरिकों के सहयोग से इस छोटे से मंदिर को भव्य रूप के आकार में निर्माण करने के उद्देश्य से एक कदम आगे बढ़ाते हुए वास्तु शास्त्र के अनुरूप नए सिरे से मंदिर को बनाने का कार्य शुरू किया गया था। जिसके लिए उन्होंने 14 लाख रु तक इस मंदिर निर्माण कार्य में दिए जिसको पूर्ण रूप देने के एक वर्ष पहले जी0अप्पल स्वामी रेड्डी जी का आकस्मिक निधन हो जाने के कारण कार्य में अवरोध उत्पन्न हुआ। मंदिर के इस प्रकार अधूरा बने देख उनके सुपुत्र जी साई पद्मनाभम रेड्डी ने आंध्र प्रदेश के के श्री श्री श्री भास्कर जी से चर्चा करके इस मंदिर निर्माण करवाने में सहयोग एवम् मार्ग दर्शन देने की मांग की जिसको स्वीकारते हुए पंडित जी ने अधूरे कार्य को पूर्ण करने के लिए नगर के भक्तों से आर्थिक सहयोग लेकर इस मंदिर के कार्य को पूरा किया गया जिसके फलस्वरूप पुनः जीर्णोद्धार के बाद 17 फरवरी से 19 फरवरी 2022 तक वेद पंडितों के द्वारा सनातन धर्म के विधि विधान से पूजा अर्चना कर ध्वज स्तंभ एवम् शिव लिंग का प्राण प्रतिष्ठा किया गया है।
*आज मेरे पिताश्री के आत्मा को शांति मिलेगी। जी0साई रेड्डी*
तीन दशक पहले शिव मंदिर का निर्माण से लेकर स्वर्गवास होते तक इस मंदिर के लिए शारीरिक, मानसिक एवम् आर्थिक रूप से अपना योगदान दिए थे उनके भव्य मंदिर निर्माण के जो सपने थे वो आज नगर के श्रद्धालुओं के आर्थिक मदद से पूर्ण हुआ है। आज मेरे पिताजी की आत्मा को शांति मिलेगी। अधूरे बने मंदिर निर्माण कार्य को पूर्ण कर पुनः जीर्णोद्धार कर ध्वज स्तंभ, शिव लिंग की प्राण प्रतिष्ठा करने में श्री श्री श्री भास्कर स्वामी जी मार्गदर्शन में सहयोग प्रदान किए सभी जनों का तह दिल से आभार व्यक्त करता हूं।