बस्तर के वन कर्मचारी संघ द्वारा 12 सूत्रीय मांग को लेकर जारी अनिश्नित कालीन हड़ताल को मिला, जनता कांग्रेस जे व बस्तर अधिकार मुक्ति मोर्चा के नेता नवनीत चांद का साथ - मुक्ति मोर्चा/जनता कांग्रेस जे




वन कर्मियों की मांगे कांग्रेस के घोषणा पत्र का हिस्सा, बस्तर प्रवास में आ रहे मुख्यमंत्री को पार्टी का घोषणा पत्र याद दिला, जिले के जिमेदार विधायक क्यों नही,आंदोलन कर्मियों की मांगों को करवाते पूरा - नवनीत चांद/सोनसाय कश्यप
जगदलपुर। बस्तर अधिकार मुक्ति मोर्चा के मुख्य संयोजक एवं जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ जे के बस्तर जिला अध्यक्ष नवनीत चांद एवं जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ जे के संभागीय महामंत्री सोनसाय कश्यप के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ वर्ग कर्मचारी संघ के आवाहन पर बस्तर जिला वन कर्मचारी संगठन द्वारा अपनी 12 सूत्री सूत्रीय मांगों को लेकर जारी जगदलपुर में अनिश्चितकालीन हड़ताल में, मुक्ति मोर्चा एवं जनता कांग्रेस जे के पदाधिकारियों के साथ पहुंच कर, वन कर्मियों की मांगों को पूर्ण समर्थन दिया गया।
वन कर्मियों के हड़ताल को संबोधित करते हुए बस्तर अधिकार मुक्ति मोर्चा के मुख्य संयोजक एवं जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ जे के बस्तर जिला अध्यक्ष नवनीत चांद ने कहां की, कांग्रेस की सरकार विपक्ष के दौरान पूरे राज्य के प्रत्येक जिले में घूम घूम कर जनता व प्रत्येक विभाग के कर्मचारी संगठनों से उनकी मांगों व उनकी राय को लेकर कांग्रेस पार्टी का घोषणा पत्र तैयार करने का ऐलान किया गया था।
घोषणा पत्र के प्रभारी जो कि आज कांग्रेस सरकार के स्वास्थ्य मंत्री हैं । वह पूर्व कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष, जो आज राज्य के मुख्यमंत्री हैं। उन्होंने जनता व कर्मचारी संगठन से राय लेकर बनाए गए घोषणापत्र को सरकार बनने के 10 दिनों के अंदर सत प्रतिशत पूरा करने का वादा जनता के समक्ष किया था। परंतु आज दोनों ही नेताओं द्वारा मुख्यमंत्री एवं स्वास्थ्य मंत्री के पद पर विराजमान होने के बाद भी सरकार के 3 वर्ष बीत जाने के पश्चात भी, आज पर्यंत तक कर्मचारी संगठनों से किए गए वादे पूरे नहीं किए गए, आज जबकि संपूर्ण बस्तर का अधिकांश क्षेत्रफल वन भूमि के नाम पर अंकित है।
जल जंगल जमीन इन तीनों महत्वपूर्ण मुद्दों की लड़ाई आजादी के बाद से लेकर आज तक बस्तर में विराजमान आदिवासी समाज के द्वारा लगातार लड़ी जा रही है। तो वही जंगल की रक्षा के लिए वन विभाग के जमीनी स्तर पर तैनात 1 कर्मचारी भी अपनी भूमिका बड़ी ईमानदारी पर निभा रहे हैं। ऐसे में जहां एक तरफ सरकार जंगल को संरक्षित करने आग से बचाने शिकार से बचाने वह अवैध कटाई से बचाने की लिए बड़ी बड़ी योजनाओं को संचालित करने का बोझ जंगल में कार्यरत कर्मचारियों के कंधों पर डाल रही है। तो यह जरूरी है। कि ,उन से किए गए वादों को भी सरकार निभाए ,वन कर्मियों कि 12 सूत्री मांगे बिल्कुल जायज है। ऐसे में यह जरूरी है कि बस्तर के वन कर्मियों की मांगों को बस्तर जिले के विधायक आगामी बस्तर प्रवास में आ रहे , मुख्यमंत्री से मिल कांग्रेश पार्टी के घोषणापत्र को याद दिला जल्द से जल्द पूरा करवाएं, तभी कांग्रेस सरकार की कथनी एवं कर्मी पर बस्तर की जनता का विश्वास हो सकता है।
वन कर्मियों द्वारा लगातार इतनी मेहनत करने के बावजूद भी उनके वेतनमान से विभागीय चूक होने के बावजूद भी इंक्रीमेंट की कटौती क्यों की जा रही है। यह सरासर गलत है ।पुरानी पेंशन योजना से वन कर्मियों को वंचित करना कर्मचारियों को पौष्टिक आहार एवं भत्ता महाराष्ट्र सरकार की तरह ,ना देना, प्रोटेक्शन फोर्स का गठन ना किया जाना, दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों को नियमित ना करना यह राज्य सरकार का वादा खिलाफी का उदाहरण है।
वन कर्मियों के हड़ताल में जाने से जंगल की रक्षा खतरे में पड़ गई है। लगातार जंगल में आग लग रहा है। जमीनी अमला के कर्मचारी के हड़ताल में जाने से विभागीय कार्य की लचर व्यवस्था हो गई है। विभागीय अधिकारी उदासीन है। ऐसे में वन कर्मियों के 12 सूत्रीय मांग जो की जायज है। इन मांगो का कांग्रेस के घोषणा पत्र में जिक्र भी है। तो यह राज्य सरकार की जिम्मेदारी है। कि वह अपने घोषणापत्र को शत-प्रतिशत पूरा कर ,वन कर्मियों की मांगों को पूरा करें।
इस दौरान जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ जे के संभागीय महामंत्री सोनसाय कश्यप,बस्तर अधिकार मुक्ति मोर्चा के जिला उपाध्यक्ष नीलांबर सेठिया जगदलपुर ग्रामीण ब्लॉक अध्यक्ष अजय बघेल शहर महामंत्री ओम मरकाम रुखसार कश्यप शुक्ल साए बघेल एवं बस्तर जिला कर्मचारी संघ के पदाधिकारी व सदस्य उपस्थित थे।