Chhattisgarh News: सीएम भूपेश बघेल ने आदिवासियों के लंबित मामलों का जल्द निपटारा किया जाय इसके निर्देश दिए है.

Chhattisgarh News: CM Bhupesh Baghel has given instructions for early disposal of pending cases of tribals.

Chhattisgarh News: सीएम भूपेश बघेल ने आदिवासियों के लंबित मामलों का जल्द निपटारा किया जाय इसके निर्देश दिए है.
Chhattisgarh News: सीएम भूपेश बघेल ने आदिवासियों के लंबित मामलों का जल्द निपटारा किया जाय इसके निर्देश दिए है.

Chhattisgarh News: सीएम भूपेश बघेल ने आदिवासियों के लंबित मामलों का जल्द निपटारा किया निर्देश दिए है. पटनायक समिति की अनुशंसा पर 632 मामलों में 752 आदिवासियों के खिलाफ दर्ज मामलों की वापसी की गई है, पढ़े विस्तार से...। 

Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (Bhupesh Baghel) ने मंगलवार को गृह विभाग की समीक्षा बैठक ली है. मुख्य सचिव अमिताभ जैन और गृह विभाग के वरिष्ठ विभागीय अधिकारी इस बैठक में शामिल रहे. विभाग के कार्यों और आदिवासियों (Tribals) के खिलाफ दर्ज अपराध की वापसी पर चर्चा हुई और अबतक के मामलों के समाधान की रिपोर्ट अधिकारियों ने दी.

कितने मामले वापस लिए गए हैं
दरअसल बजट के बाद सीएम भूपेश बघेल ने गृह विभाग की समीक्षा बैठक ली. कानून व्यवस्था को लेकर वरिष्ठ अधिकारियों से सीएम हाउस में लंबी चर्चा हुई है. इसके बाद सीएम भूपेश बघेल ने आदिवासियों के लंबित मामलों का जल्द निपटारा किया निर्देश दिए है. बैठक में अधिकारियों ने बताया कि आदिवासियों के खिलाफ दर्ज मामले वापसी के लिए गठित न्यायमूर्ति ए.के. पटनायक समिति की अनुशंसा पर 632 मामलों में 752 आदिवासियों के खिलाफ दर्ज मामलों की वापसी की गई है.

1244 आदिवासियों का मामले समाप्त
इसी तरह 2019 के पहले पूर्व नक्सल अपराधों में गिफ्तार स्थानीय आदिवासियों के न्यायालय में विचाराधीन मामलों का जल्दी समाधान करने का फैसला हुआ है. बैठक में अधिकारियों ने बताया कि समाधान और मामले वापसी के तहत 811 मामलों में कुल 1244 स्थानीय आदिवासियों के मामले न्यायालय से समाप्त हुए है. वहीं सीएम भूपेश बघेल ने बैठक में नक्सल अपराध में गिरफ्तार स्थानीय आदिवासियों के बचे मामलों का जल्द समाधान करने के निर्देश दिए है.

जेल में ठसाठस भरें हैं आदिवासी
गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ की जेलों में आदिवासी ठसाठस भरे हुए है. प्रदेशभर की जेलों में क्षमता से अधिक कैदी चार दीवारों में सजा काट रहे हैं. इनमें एक बड़ा हिस्सा आदिवासियों का भी है. बताया जाता है कि हजारों की संख्या में आदिवासी रिहाई का इंतजार कर रहे हैं. वे फर्जी नक्सल मुठभेड़ और शराब बनाने जैसे अपराध में वर्षो जेल में बंद है. इनकी रिहाई के लिए कांग्रेस ने पटनायक कमिटी बनाई है.