इस शिविर के माध्यम से स्थानीय बालक बालिकाओं को शतरंज का प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा

इस शिविर के माध्यम से स्थानीय बालक बालिकाओं को शतरंज का प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा
इस शिविर के माध्यम से स्थानीय बालक बालिकाओं को शतरंज का प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा

मनेंद्रगढ़। मनेंद्रगढ़ जिला सरपंच संघ के अध्यक्ष संतोष कुमार जैन ने जानकारी देते हुए बताया कि नेशनल आर्बिटर अनीस अंसारी नए नेशनल ट्रेनर की उपाधि विशाखापट्टनम से प्राप्त कर ली है अखिल भारतीय संसद द्वारा आयोजित इस सम्मेलन में अनीस अंसारी जी ने अपनी सहभागिता दर्ज कराई और नेशनल ट्रेनल की पात्रता प्राप्त कर ली है। मनेन्दगढ़ जिला शतरंज संघ के सचिव अरविंद कुमार वैश ने हर्ष व्यक्ति हुए कहां की सरगुजा अंचल में खिलाड़ियों को अनीस अंसारी का मार्गदर्शन प्राप्त होगा तथा शतरंज के नवीनतम जानकारियां उपलब्ध हो सकेंगी। मनेंद्रगढ़ जिला शतरंज संघ के कार्यकारी अध्यक्ष अध्यक्षा सुश्री संगीता तिवारी ने जानकारी देते हुए बताया कि मनेंद्रगढ़ जिला शतरंज संघ द्वारा अति शीघ्र ग्रीष्मकालीन शतरंज प्रशिक्षण शिविर आयोजित किया जा रहा है इस शिविर के माध्यम से स्थानीय बालक बालिकाओं को शतरंज का प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा और इसके पश्चात शतरंज की प्रतिस्पर्धा भी आयोजित की जावेगी।

      यह उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ प्रदेश शतरंज संघ महासचिव सम्मानीय विनोद राठी जी के मार्गदर्शन में छत्तीसगढ़ से लगातार खिलाड़ियों को अखिल भारतीय स्तर पर प्रशिक्षण प्राप्त हो रहा है। नेशनल आर्बिटर फीडर आर्बिटर के साथ-साथ फीडर टेलर की भी उपाधियां लगातार छत्तीसगढ़ के खिलाड़ी प्राप्त करने में सफल हो रहे हैं। इसी प्रकार विभिन्न प्रकार की शतरंज स्पर्धाओं का आयोजन राज्य शतरंज संघ द्वारा किया जा रहा है जिसमें विभिन्न जिलों के खिलाड़ी अपनी उपस्थिति दर्ज करा रहे हैं।

       सरगुजा चेस जोन डेवलपमेंट कमेटी के सदस्य संतोष कुमार जैन ने जानकारी देते हुए बताया कि शतरंज का जन्म भारत में हुआ था परंतु रूस ने इसे अपना राष्ट्रीय खेल घोषित किया आज रूस में प्राथमिक साला स्तर पर बच्चों के सिलेबस में शतरंज को समाहित किया गया है जिसके फलस्वरूप वहां के बालक बालिकाएं प्राथमिक शाला स्तर पर ही शतरंज का प्रशिक्षण प्राप्त कर पाते हैं। जिस प्रकार अन्य खेलों को खेलने से शारीरिक विकास होता है उसी प्रकार शतरंज को खेलने से मस्तिष्क का विकास होता है। अनेकानेक सर्वेक्षणों में यह बात प्रमाणित हो चुकी है कि जो बच्चे शतरंज खेलते हैं उनके परीक्षाओं में बहुत अच्छे अंक आते हैं अपेक्षाकृत जो बच्चे शतरंज नहीं खेल पाते हैं। हमारा पूरा सरगुजा जिला जो कि क्षेत्रफल में केरल से भी बड़ा था आज 4 जिलों में विभाजित है और छत्तीसगढ़ प्रदेश शतरंज संघ का यह प्रयास है कि प्रत्येक जिले में बालक बालिकाओं को शतरंज का प्रशिक्षण प्रदान किया जाए इस अंचल में अनेक अनेक प्रतिभाएं हैं जिन्हें तलाशने की आवश्यकता है जिन्हें तराशने की परिमार्जित करने की सख्त आवश्यकता है और इस दिशा में प्रत्येक जिले में जिला शतरंज संघ के माध्यम से प्रयास हो रहा है।