CG - बसन्त के आगमन का पर्व है वसंत पंचमी, हर ओर दिखती है हरियाली...

CG - बसन्त के आगमन का पर्व है वसंत पंचमी, हर ओर दिखती है हरियाली...
CG - बसन्त के आगमन का पर्व है वसंत पंचमी, हर ओर दिखती है हरियाली...

बसन्त के आगमन का पर्व है वसंत पंचमी, हर ओर दिखती है हरियाली

फरसगांव / विश्रामपुरी : कोंडागांव जिले के विकासखंड बड़ेराजपुर अंतर्गत ग्राम पंचायत हरवेल एवं आसपास के क्षेत्रों में हरियाली जैसा मौसम देखने को मिला बसन्त का पर्व सुबह से ही मौसम ने करवट बदली दो दिन से अंचल में हल्की हल्की बारिश देखने को मिली और सुबह से ही मौसम खुशनुमा सुहाना हो गया पेड़ों में हरियाली जैसा देखने को मिला इसी प्रकार ग्राम हरवेल, पिटीसपाल,किबडा, गम्हरी, पीढापाल, तीतरवंड गम्हरी धामनपुरी बालेंगा डिहीपारा तर‌ईबेडा में आज सुबह से ही इसी तरह का नजारा देखने को मिला।


भारत में पतझड़ ऋतु के बाद बसन्त ऋतु का आगमन होता है। हर तरफ रंग-बिरंगें फूल खिले दिखाई देते हैं। जिन्हें देखकर किसान हर्षित होते हैं। चारों ओर सुहाना मौसम मन को प्रसन्नता से भर देता है।

बसन्त पंचमी के पर्व से ही बसंत ऋतु का आगमन होता है। शांत, ठंडी, मंद वायु, कटु शीत का स्थान ले लेती है तथा सब को नवप्राण व उत्साह से स्पर्श करती है। बसन्त ऋतु तथा पंचमी का अर्थ है शुक्ल पक्ष का पांचवां दिन। अंग्रेजी कलेंडर के अनुसार यह पर्व जनवरी-फरवरी तथा हिन्दू तिथि के अनुसार माघ के महीने में मनाया जाता है।

बसन्त उत्तर भारत तथा समीपवर्ती देशों की छह ऋतुओं में से एक ऋतु है। जो फरवरी मार्च और अप्रैल के मध्य इस क्षेत्र में अपना सौंदर्य बिखेरती है। माना गया है कि माघ महीने की शुक्ल पंचमी से बसन्त ऋतु का आरंभ होता है। फाल्गुन और चैत्र मास बसन्त ऋतु के माने गए हैं। फाल्गुन वर्ष का अंतिम मास है और चैत्र पहला। इस प्रकार हिंदू पंचांग के वर्ष का अंत और प्रारंभ बसन्त में ही होता है। इस ऋतु के आने पर सर्दी कम हो जाती है। मौसम सुहावना हो जाता है। पेड़ों में नए पत्ते आने लगते हैं। खेत सरसों के फूलों से भरे पीले दिखाई देते हैं। अतः राग रंग और उत्सव मनाने के लिए यह ऋतु सर्वश्रेष्ठ मानी गई है।