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विरोध- अंबुजा सीमेंट के विस्तारीकरण के लिए आयोजित जनसुनवाई का आक्रोशित ग्रामीणों कर रहे विरोध,300 से ज्यादा पुलिसकर्मी सुरक्षा के लिए होंगे तैनात
बलौदाबाजार (देवेश साहू) - जिला मुख्यालय से लगे हुए ग्राम रवान मे स्थित अंबुजा सीमेंट संयंत्र की तीसरी यूनिट विस्तार के स्थापना हेतु 31 मार्च को ग्राम भद्रपाली मे पर्यावरण की जनसुनवाई आयोजित की जा रही हैं जिसे लेकर क्षेत्र की जनता में जबरदस्त रोष व्यप्त है।
पर्यावरण संरक्षण के विषय मे अंबुजा सीमेंट की निष्क्रियता एवं उदाशीनता के कारण क्षेत्र का इको सिस्टम नष्ट हो रहा हैं, भूजल लगभग समाप्त हो गया हैं, 700 एकड़ के कुकुरदी जलाशय सहित आसपास के सभी जलाशय सूख गए हैं, लोगो को सांस लेने मे भी तकलीफ हो रहीं हैं,उपजाऊ भूमि बंजर हो रहीं हैं, ग्रामीणों मे तरह तरह की बीमारियां हो रहीं हैं, अंबुजा सीमेंट सयंत्र ने इस क्षेत्र के पर्यावरण को बर्बाद कर दिया हैं जिसके कारण अंबुजा सीमेंट की तीसरी ईकाई की स्थापना मे ग्रामीणों में जबरदस्त जनाक्रोश हैं, अंबुजा सीमेंट से लगे हुए 10 - 12 गांवों के जनपद सदस्य, सरपंच, पंचों, ग्रामीणों सहित जनप्रतिनिधियों ने इस विस्तारीकरण का जमकर विरोध किया हैं।
संयंत्रों के प्रकोप से 700 एकड़ का कुकुरदी जलाशय सूखा
अंबुजा सीमेंट से लगे हुए गांव कुकुरडीह मे स्थित 700 एकड़ का कुकुरडीह जलाशय जिसमे कुछ साल पहले तक गर्मियों के दिनों मे भी भरपुर जल रहता था जो कि अब पूरी तरह से सूख गया हैं। जलाशय का यह क्षेत्र अंबुजा सीमेंट संयंत्र के माइंस से लगा हुआ है।एक्सपर्ट की माने तो जलाशय से

माइंस की गहराई ज्यादा होने की वजह से जलाशय के जल का रिसाव माइंस के गढ्ढो में होना बताया जा रहा है। जलाशय के भूमि मे दरारे पड़ गयी हैं, गाँव मे जहां 50 फ़ीट के बोर मे भी भरपूर पानी मिलता था अब उस गाँव मे 400 फ़ीट बोर करने पर भी पानी नहीं मिलता, कुकुरडीह गाँव को जिले के कलेक्टर ने सूखाग्रस्त घोषित कर पेयजल की व्यवस्था करने के निर्देश दिए हैं, तालाबों का जल दूषित हो चुका हैं, तालाब मे निस्तारी करने मे संक्रमित(खुजली) बीमारी हो रही हैं, जल इतना दूषित हो गए हैं की अब पशु भी तालाब के जल मे प्रवेश नहीं करना चाहते हैं, ग्रामीणों को सांस लेने मे भी समस्या आ रहीं हैं, संयंत्र के चिमनी से निकलने वाले जहरीले धुंए व फ्लाई ऐश आसपास के ग्रामीण इसकों को प्रदूषित कर रहें है जिसका प्रभाव खेती की जमीन पर भी पड़ रहा है।
क्या कहते है ग्रामीण
डॉ महेंद्र वर्मा
पंच, ग्राम पंचायत कुकुरडीह
ग्राम मे पेयजल की गंभीर समस्या हो रही हैं, ग्राम मे स्थित 700 एकड़ का जलाशय पूरी तरह से सुख चुका हैं साथ ही साथ भूजल स्तर यहाँ का 400 फ़ीट से नीचे चला गया हैं, गाँव के आस पास सीमेंट संयंत्रों की खदान हैं यहाँ का पूरा जल खदानों मे चला गया हैं
राजेश साहू,जनपद सदस्य
इस जनसुनवाई का मैं पुरजोर विरोध करता हूं, सड़क बिजली पानी रोजगार के जो वादे संयंत्रों ने स्थापना के समय ग्रामीणों से किये थे उसमें वो पूरी तरह नाकाम रहे, ग्रामीणों को संयत्रों से रोजगार नहीं मिल रहा हैं
रूपेंद्र वर्मा
उपसरपंच ,ग्राम भद्रपाली
बुनियादी सुविधाओं का अभाव हैं, पेयजल स्रोत बहुत नीचे जा चुका हैं, संयंत्र द्वारा हमारे गाँव के पास कचरा इकट्ठा किया जाता हैं जिसकी बहुत बदबू आती हैं ग्रामवासी इस बदबू से त्रस्त हैं, संयंत्र की रेलवे लाइन के कारण हमारा गांव मुख्य मार्ग से कट गया हैं, आवागमन की बहुत दिक्कत हैं
सुरेश राम वर्मा, ग्रामीण ग्राम भद्रपाली
सीमेंट संयंत्र से बहुत बदबू आती हैं बदबू के कारण साँस लेने मे भी दिक्कत होती हैं, सीमेंट संयंत्र से निकलने वाली डस्ट की गाँव के तालाब परत जम जाती हैं, पूरे गाँव मे सड़क मे घरों मे गली मे हर जगह सीमेंट डस्ट की परत बिछी रहती हैं, तालाब का उपयोग करने पर शरीर मे खुजली होनी लगती हैं
दीनबंधु देवांगन
अधिवक्ता,निवासी ग्राम रवान
खनिज संपदा के लगातार अंधाधुंध उत्खनन से क्षेत्र का जल स्तर सुखने लगे है गर्मियों के दिनों में पानी के लिए स्थानीय लोग भटकते है, ब्लास्टिंग से लोगों के घरों को नुकसान हो रहा है, प्रदुषण से लोगों का जीना दुभर है। ऐसे में कंपनी के उत्पादन क्षमता में विस्तार करने का मतलब स्थानीय जनता को पलायन हेतु मजबुर होना पडेगा।
क्या कहते है जिम्मेदार
अक्षय कुमार सिंह
सहायक अभियंता, जल संसाधन निर्माण
बरसात के दिनों मे भी कुकुरडीह जलाशय पुरा नहीं भर पा रहा हैं, जलाशय के कैटमेंट एरिया को सीमेंट संयंत्र की खदानों के लिए लीज पर दे दिया गया हैं, जलाशय का पानी सीमेंट संयंत की खदानों मे चला जाता हैं, पर्यावरण विभाग द्वारा भूमि को खदानों को देने से पहले हमारे विभाग से अनापत्ति नहीं ली जाती हैं
डोमन सिंह
जिला कलेक्टर बलौदाबाजार
31मार्च को सुनवाई नियत हैं, काफी समय पहले से ये निर्धारित हैं, कुछ लोगो ने विरोध मे आवेदन भी दिया हैं, अपने बातें वहाँ रख सकते हैं जो भी बोलना चाहते हैं