इस वर्ष 182 मिलियन टन कोयला उत्पादन के लक्ष्य के साथ उतरेगी टीम एसईसीएल मैदान में

team enter SECL ground target producing 182 million tonnes coal year

इस वर्ष 182 मिलियन टन कोयला उत्पादन के लक्ष्य के साथ उतरेगी टीम एसईसीएल मैदान में
इस वर्ष 182 मिलियन टन कोयला उत्पादन के लक्ष्य के साथ उतरेगी टीम एसईसीएल मैदान में

सीएमडी डॉ. प्रेम सागर मिश्रा के नेतृत्व में टीम एसईसीएल ने नए वित्तीय वर्ष 2022-23 में 182 मिलियन टन कोयला उत्पादन का महात्वाकांक्षी लक्ष्य निर्धारित करते हुए सरगर्मी तेज कर दी है। आज वित्तीय आरंभ के साथ ही उन्होंने मुख्यालय में कम्पनी स्तरीय श्रमिक संगठन प्रतिनिधित्व संचालन समिति के साथ भी बैठक की। कम्पनी के इस महत्वपूर्ण लक्ष्य में गेवरा, दीपका तथा कुसमुण्डा मेगा प्रोजेक्ट की महत्वपूर्ण भूमिका होगी तथा सकल रूप से ये तीनों परियोजनाएँ एसईसीएल के कुल उत्पादन का लगभग दो तिहाई हिस्सा जुटायेंगी। गेवरा को 52 मिलियन टन, दीपका को 38 मिलियन टन, कुसमुण्डा 45 मिलियन टन तथा भूगर्भीय भण्डार से भरे मांड-रायगढ़ कोलफील्ड्स की रायगढ़ एरिया को 15.5 मिलियन टन का उत्पादन लक्ष्य दिया गया है। सकल रूप से कम्पनी के लगभग 21 खुली खदानों से 169 मिलियन टन तथा लगभग 46 भूमिगत खदानों से 13 मिलियन टन वार्षिक उत्पादन की योजना बनाई गयी है। 

कम्पनी ने वित्तीय वर्ष के दौरान 3 नयी परियोजनाओं के विकास के प्रति भी आशान्वित है जिनमें रामपुर बटुरा ओपनकास्ट, अम्बिका ओपनकास्ट तथा केतकी भूमिगत खदान शामिल है। केतकी भूमिगत खदान कोलइण्डिया के एमडीओ मोड पर अनुमोदित पहली भूमिगत खदान परियोजना है। वित्तीय वर्ष में इन्फ्रास्ट्रक्चर सहित विभिन्न क्षेत्रों में पूँजीगत निवेश के लिए 5200 करोड़ का केपिटल बजट अनुमोदित किया गया है। इसमें रेल कॉरीडोर परियोजनाओं के विकास के लिए 1800 करोड़ का पूँजीगत व्यय शामिल है। कम्पनी अपने मेगा प्रोजेक्ट सहित संचालन क्षेत्रों में फर्स्ट माईल कनेक्टिविटी (एफएमसी) परियोजनाएँ विकसित कर रही है जिसके जरिए खदान से ही इको-फ्रेंडली तरीके एवं त्वरित रूप से उत्पादित कोयले को उपभोक्ताओं तक भेजा जा सकेगा। इसके लिए रैपिड लोडिंग सिस्टम तथा साईलों की व्यवस्था अपनाई जा रही है।  

दिनांक 31 मार्च 2022 को समाप्त हुए वित्तीय वर्ष में कम्पनी ने कोरोना काल के चुनौतियों के बीच 155.71 मिलियन टन कोयला उपभोक्ताओं को प्रेषित किया जो कि कम्पनी के स्थापना काल से दूसरा सबसे बड़ा डिस्पैच का आँकड़ा है। कम्पनी का यह डिस्पैच पिछले वित्तीय वर्ष से लगभग 17 मिलियन टन (लगभग 12 प्रतिशत वृद्धि) अधिक है। इस वर्ष कम्पनी द्वारा पावर सेक्टर 129.29 मिलियन टन कोयला उपलब्ध कराया गया जो कि ऐतिहासिक है। गत वित्तीय वर्ष अप्रत्याशित मानसून तथा कोरोना की दूसरी लहर की चुनौतियों के बीच भी कम्पनी 142.51 मिलियन टन उत्पादन दर्ज करने में सफल रही। एक महत्वपूर्ण उपलब्धि में कम्पनी ने पिछले वर्ष से सकारात्मक वृद्धि दर्ज करते हुए 196.88 मिलियन क्यूबिक मीटर ओव्हरबर्डन रिमूव्हल (अधिभार निष्कासन) किया है जिसका पूर्ण लाभ इस वर्ष कोयला उत्पादन में भी मिलेगा। गत 28 फरवरी को लगभग 8 लाख क्यूबिक मीटर अधिभार निष्कासित कर एसईसीएल ने एक दिन में अब तक के सर्वाधिक ओबी रिमूव्हल का कीर्तिमान भी बनाया। कुसमुण्डा जैसे मेगा परियोजनाओं में इसका प्रत्यक्ष लाभ देखने को मिला है। 

मेगा परियोजनाओं में गेवरा एरिया ने गत वर्ष से 18.72 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज करते हुए 44.98 मिलियन टन तथा दीपका परियोजना ने 24.33 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज करते हुए 36.90 मिलियन टन का अपना एक वर्ष में सर्वाधिक कोयला डिस्पैच का रिकार्ड दर्ज किया। कम्पनी के भटगांव एवं जोहिला एरिया ने कोल उत्पादन तथा आफटेक के अपने लक्ष्यों को पूरा किया वहीं कोरबा एरिया ने वर्ष 2021-22 के ओबीआर लक्ष्य को सफलतापूर्वक प्राप्त किया। कोरबा एरिया की ही सरायपाली माईन ने अपने पहले उत्पादन वर्ष में ही उत्कृष्ठ परिणाम देते हुए अपने पर्यावरणीय स्वीकृति की सीमा 14 लाख टन तक कोयला उत्पादन करने में सफलता पाई। 

भूविस्थापितों को वर्ष 2021-22 में भू-मुआवजा के रूप में लगभग 180 करोड़ रूपये प्रदान किए गए तथा 186 रोजगार भी दिए गए। कम्पनी को गत वित्तीय वर्ष के माह-फरवरी 2022 तक 600 हेक्टेयर से अधिक की भूमि अधिग्रहित करने में भी सफलता मिली है। 

पर्यावरणीय स्वीकृति के लिहाज से गत वर्ष गेवरा ओपनकास्ट (49 एमटीपीए), आमाडांड ओसी (4 एमटीपीए), कंचन ओसी (2 एमटीपीए) तथा अम्बिका ओसी (1 एमटीपीए) को इन्वायरमेंट क्लियरेंस वहीं दीपका ओसी (133.7 हेक्टेयर) तथा अम्बिका ओसी (6.2 हेक्टेयर) के फारेस्ट क्लियरेंस भी प्राप्त हुई है। 

सीएसआर के अंतर्गत कम्पनी ने बेरोजगार/सुविधाओं से वंचित युवाओं के स्कील डेव्हलपमेंट की दिशा में नूतन प्रयास किया है। सेन्ट्रल इन्सटिट्यूट ऑफ प्लास्टिक इंजीनियरिंग एण्ड टेक्नॉलॉजी (सी-पेट) के रायपुर एवं कोरबा केन्द्रों में 520 ऐसे युवाओं को कौशल विकास का प्रशिक्षण दिया जाएगा जिसमें से एसईसीएल के संचालन क्षेत्रों में रहने वाले 300 युवाओं का प्रशिक्षण शुरू कर दिया गया है। 

नई तकनीक का समावेश करते हुए गत वर्ष कुसमुण्डा सीएचपी के दूसरे फेस अंतर्गत चारों साईलो की कमिशनिंग की गयी है। ये फर्स्ट माईन कनेक्टिविटी की परियोजनाएँ हैं। दीपका, गेवरा एवं कुसमुण्डा मेगा परियोजनाओं में 1000 टीपीएच क्षमता के सेमी मोबाईल क्रशर संचालित किए गए हैं, वहीं कुल 20 नए विभागीय टीपर की भी कमिशनिंग की गयी है। कम्पनी के बैकुण्ठपुर क्षेत्र के चरचा आरओ भूमिगत खदान में हायरिंग आधार पर कान्टिन्यूअस माईनर के 2 सेट तथा कोरबा एरिया के रजगामार 6 एवं 7 भूमिगत खदान में 1 सेट कान्टिन्यूअस माईनर को नियोजित करने हेतु एसईसीएल बोर्ड ने स्वीकृति दे दी है। 

सूदुर अंचलों में रेल परिवहन पथ के निर्माण तथा वहाँ के कोलफील्ड्स से उत्पादित कोयले के त्वरित डिस्पैच के उद्धेश्य से विकसित की जा रही एसईसीएल की दो अनुषंगी दो रेल कॉरीडोर परियोजनाओं ने महत्वपूर्ण माईन स्टोन हासिल किए हैं। इनमें ईस्ट रेल कॉरीडोर के घरघोड़ा व धर्मजयगढ़ स्टेशन से कोयले से भरे पहले रेल रेक को विद्युत संयंत्रों तक भेजा जाना, घरघोड़ा-भालूमाड़ा सिंगल लाईन को संचालन के लिए खोल देना आदि उल्लेखनीय है। 

नए वित्तीय वर्ष 2022-23 में एसईसीएल के लिए डिस्पैच का लक्ष्य भी 182 मिलियन टन रखा गया है, वहीं कम्पनी को 280 मिलियन क्यूबिक मीटर का अधिभार निष्कासन करना है। 

एसईसीएल के सीएमडी डॉ. प्रेस सागर मिश्रा व निदेशक मण्डल द्वारा विभिन्न क्षेत्रों के निरंतर दौरों तथा स्थानीय कोर टीम से चर्चा के आलोक में यह बात स्पष्ट हो जाती है कि एसईसीएल टीम इस वर्ष के शुरूआत से ही दैनिक आधार पर उत्कृष्ठ कार्यनिष्पादन का प्रयास करेगी।