कुकानार परगना मे मूल आदिवासियों का पारम्परिक त्यौहार मरका पंडुम (आम त्यौहार ) कल




सुकमा - महेश कुंजाम ने प्रेस विज्ञप्ति में कहा कि प्राकृतिक देवी देवताओं को सेवा अर्जी (पूजा पाट) कर देवताओ को आम फल का भोग देकर समस्त नर-नारी, बाल-बच्चे , कुकड़ी, मेंडी, छेरी, गाय माता ,धन दौलत व सभी को रक्षा करने, किसी प्रकार के गलतियों पर क्षमा करने, हम सभी को शांति, प्रगति, ज्ञान पाट, के लिए प्राकृतिक, देवताओ से आशीर्वाद मांगते है,और प्राकृतिक देवताओ से भूमिदेव, पवनदेव, जलदेव सहित समस्त प्राकृतिक देवताओ से शांति ,खुशहाली, के लिए शुध्द हवा, बरसात, व धन की वृध्दि खेत की हरियाली, पेड़ पौधे की हरियाली, व जीव जन्तु को खुशहाली प्रदान करने के लिए प्रकृति देवताओं का सेवा अर्जी किया जाता है।
यह हि नही मूल आदिवासी जनजातियो का नियम परम्परा एक प्राकृतिक से जुड़े नजारा है, जिसमे जो वेटा (परद) उठाते है, परद पूजा में कुकानार परगान 12 पल्ली के सभी ग्रामीण उपस्थित होकर परद उठाते है, वह पर सभी गांव से उपस्थित होना अनिवार्य होता है, परद पूजा में सभी ग्रामीण पारम्परिक रीति रिवाज के अनुसार तीर -धनुष, बंडा,टांगिया, व अन्य औजार लेकर उपस्थित होना होता है, दिनांक 15-4-2021 को प्राकृतिक देवता, ग्राम देवताओं को सेवा अर्जी (पूजा पाट) कर मुर्गा, अण्डा, नारियल, नया आम का फल, भोग देकर देवता को मानते है ।
उसी दिन से दो पहर से परगाना के ग्रामीण पारम्परिक रीति रिवाज औजार तीर धनुष सहित वेशभूषा में परद पूजा के लिए बोदारास के आश्रित ग्राम डोलापारा के निकट खेत में उपस्थित होते है, और प्रकृति देवता पर सेवा अर्जी कर प्रारम्भ कर प्रतिदिन चारो दिशा रीति नीति के साथ भ्रमण मार्च (घूमते) है प्रमुख रूप से तीन दिन परद घूमते है जो दिन रात घूमते है, इसमें सभी गांव से उपस्थित होते है। पहला दिन डोलापारा से परद उठता है चेवारास, होमारास,जगमपाल होकर कातलमिरी विराम करती है, दुसरा दिन बोदारास, लखापाल, पालेम,डुरकीटोगा, धुररास, कुकानार, तीसरा दिन कुम्हाररास, कुदनपाल, गुरबे परद भ्रमण करते है, इसलिए क ई संवेदनशील क्षेत्रों से गुजरना होता है, इसलिए महेश कुंजाम के माध्यम से प्रेस विज्ञप्ति में कहा कि इन क्षेत्रों में क्षेत्र के दृष्टि से हमेशा प्रशासनिक कार्यवाही स्थानीय थाना क्षेत्र के अन्तर्गत इन क्षेत्रों में अर्धसैनिक बलो का कैम्पो से गस्त की स्थिति बनी रहती है तो इन दिनो को त्यौहार की मद्देनजर को देखते हुए स्थानीय थाना अन्तर्गत सुरक्षा बलो को थाना प्रभारी के माध्यम से ध्यानाकर्षित करने के लिए परगान के ग्राम वासियों की ओर से आग्राह है, क्योंकि दिन रात तक परद घूमने भ्रमण करने का आदिवासियों की परम्परा रीति है, इसलिए सुरक्षा बलो के व्दारा इस मध्य किसी प्रकार की विध्न न हो हर वर्ष की भांति कुकानार परगाना में हर्ष उल्लास के साथ पारम्परिक त्यौहार मरका पंडुम (आम त्यौहार) मनाया जाता है।