आत्मनिर्भर भारत: तीसरी लिस्ट के बारे मे जाने खास बात अब देश में ही बनेंगे 300 हथियार और डिफेंस सिस्टम.

Self-reliant India: The special thing to know about the third list,.

आत्मनिर्भर भारत: तीसरी लिस्ट के बारे मे जाने खास बात अब देश में ही बनेंगे 300 हथियार और डिफेंस सिस्टम.
आत्मनिर्भर भारत: तीसरी लिस्ट के बारे मे जाने खास बात अब देश में ही बनेंगे 300 हथियार और डिफेंस सिस्टम.

NBL, 07/04/2022, Lokeshwer Prasad Verma,.. Self-reliant India: The special thing to know about the third list, now 300 weapons and defense systems will be made in the country itself.

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह: रक्षा में आत्मनिर्भरता की दिशा में एक नया कदम उठाते हुए भारत रक्षा सामग्री की एक और सूची जारी करेगा. रक्षा स्वदेशीकरण की दिशा में एक बड़े कदम के रूप में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह आज 100 से अधिक सैन्य प्रणालियों और हथियारों की तीसरी सूची जारी करेंगे, जिन्हें साढ़े तीन साल से अधिक की समय सीमा के तहत आयात प्रतिबंधों के दायरे में रखा जाएगा.

भारतीय उद्योग को 2,10,000 करोड़ रुपये से अधिक के ऑर्डर दिये जाने की संभावना.. 

तीसरी सूची में जटिल उपकरण और प्रणालियों सहित 100 से अधिक चीजें शामिल.. 

आपको बता दें कि पिछले साल मई में, सरकार ने अतिरिक्त 108 सैन्य हथियारों और प्रणालियों जैसे- अगली पीढ़ी के युद्धपोत, एयरबोर्न अर्ली वार्निंग सिस्टम, टैंक इंजन और राडार के आयात पर प्रतिबंधों को मंजूरी दी थी, जो साढ़े चार साल की समय सीमा के तहत थे. कहा गया है कि तीसरी सूची में जटिल उपकरण और प्रणालियों सहित 100 से अधिक चीजें शामिल होंगी, जिनकी सूची तैयार की जा रही है और इन्हें अगले पांच वर्षों में फर्म ऑर्डर में बदलने की संभावना है. तीसरी सूची में शामिल वस्तुओं के तहत अगले पांच वर्षों में उद्योग को 2,10,000 करोड़ रुपये से अधिक के ऑर्डर दिए जाने की संभावना है.

तीसरी सूची कौन से हथियार.. 

तीसरी सूची के अनावरण के साथ जटिल हथियार प्रणालियों से लेकर बख्तरबंद वाहनों, लड़ाकू विमानों और पनडुब्बियों आदि जैसे महत्वपूर्ण मंचों तक 300 से अधिक परिष्कृत वस्तुओं को शामिल किया जाएगा. मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि पहली और दूसरी सूची की अधिसूचना के बाद से सशस्त्र बलों ने 53,839 करोड़ रुपये की 31 परियोजनाओं के अनुबंध पर हस्ताक्षर किये हैं. वहीं, 1,77,258 करोड़ रुपये की 83 परियोजनाओं के लिए आवश्यकता स्वीकृति (एओएन) दी गई है. इसमें कहा गया कि इसके अलावा अगले पांच-सात वर्षों में 2,93,741 करोड़ रुपये की परियोजनाओं को आगे बढ़ाया जाएगा.

मंत्रालय ने कहा कि तीसरी सूची रक्षा विनिर्माण के क्षेत्र में आत्मनिर्भरता प्राप्त करने की एक प्रमुख पहल है और घरेलू उद्योग में सरकार के इस बढ़ते विश्वास को दिखाती है कि वे सशस्त्र बलों की मांग को पूरा करने के लिए अंतरराष्ट्रीय मानकों के उपकरण का निर्माण और इसकी आपूर्ति कर सकते हैं।