न इधर के, न उधर के, हम पते की बात करते हैं, ये भारत के सम्मान की बात है, ये भारत के विकास की बात है, हम न झुकेंगे, न देश झुकने देंगे।
Neither from here, nor from there, we talk about the address




NBL, 25/06/2023, Lokeshwer Prasad Verma Raipur CG: Neither from here, nor from there, we talk about the address, it is a matter of India's respect, it is a matter of India's development, we will neither bow down nor let the country bow down.
आज विपक्षी दलों के नेताओं को देश की बिल्कुल भी चिंता नहीं है और इन सभी विपक्षी नेताओं को इस बात की चिंता है कि पीएम नरेंद्र मोदी और बीजेपी को सत्ता से कैसे हटाया जाए, देश के कितने प्रतिशत मुसलमान हमें वोट देंगे और कितने प्रतिशत देश के हिंदू हमें वोट देंगे, कांग्रेस पार्टी के नेताओं ने कर्नाटक में किस फॉर्मूले से जीत हासिल की, देश में आगामी 2024 विधानसभा/लोकसभा चुनाव कैसे जीते, उनकी चिंता है।फिलहाल कर्नाटक विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने सफलता हासिल की है और बीजेपी और पीएम मोदी के सारे सपने चकनाचूर कर दिए हैं और कांग्रेस बीजेपी को हार का रास्ता दिखाने में कामयाब रही है. डूबती कांग्रेस को अब फॉर्मूला मिल गया है कि देश के लोकतंत्र को अपने पाले में कैसे लाया जाए और अब देश के सभी विपक्षी दलों के नेताओं को कांग्रेस के राहुल गांधी से आस है।
कांग्रेस ने जो फॉर्मूला कर्नाटक विधानसभा चुनाव में इस्तेमाल किया था, वही फॉर्मूला 2024 के विधानसभा/लोकसभा चुनाव में भी इस्तेमाल होने जा रहा है, लेकिन कांग्रेस खुद अपना ही जीत का फॉर्मूला बताकर अपनी ही जीत की राह में रोड़े खड़ी कर रही है. देश के अन्य बीजेपी विरोधी राजनीतिक दलों के नेताओं को अपना फॉर्मूला बता कर, जबकि कांग्रेस खुद देश की एक ताकतवर पार्टी है जो बीजेपी और पीएम नरेंद्र मोदी को टक्कर दे रही थी।
जब से कर्नाटक विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को ऐतिहासिक जीत मिली है, तब से देश के अन्य बीजेपी विरोधी दलों के नेताओं को कांग्रेस की ताकत का पता चल गया है, इससे पहले कांग्रेस नेता राहुल गांधी के उपर इन नेताओं को भरोसा नहीं था. कांग्रेस के सभी नेताओं ने कड़ी मेहनत की और राहुल गांधी भारत जोड़ों यात्रा कन्याकुमारी से कश्मीर तक पैदल चलकर और हर हमेशा देश हित की बात की और इसका परिणाम कर्नाटक विधानसभा चुनाव में ऐतिहासिक जीत के साथ मिला और आज भाजपा विरोधी पार्टी के सभी नेता अपने निजी स्वार्थ के लिए कांग्रेस को अपना मोहरा बना रहे हैं, और कांग्रेस फस गए हैं ओवरकंफिडेंस में आकर और अगले गठबंधन की बैठक स्वयं कांग्रेस शाषित राज्य हिमांचल के शिमला में होने जा रही है, जीत का फार्मूला और बैठक की अगुवाई का खर्च दोनों कांग्रेस उठा रही है कांग्रेस का बहुत बड़ा दिल है।
बिहार के सीएम नीतीश कुमार कभी भी घाटे में रहकर राजनीति नहीं करते हैं, इसलिए सीएम नीतीश कुमार ने हर राज्य के बीजेपी विरोधी दलों के नेताओं के घर जाकर उनसे मुलाकात की और 2024 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी को कैसे रोका जाए और दोबारा पीएम बनने से नरेंद्र मोदी को कैसे रोका जाए देश में, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और जिन नेताओं के घर पर ईडी/सीबीआई छापेमारी कर रही है और उन्हें इस बात की चिंता सता रही है कि दोबारा नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री बनने से कैसे रोका जाए, वही डरे हुए नेता तुरंत बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के पाले में आ गए. लेकिन कांग्रेस का आना मेरी समझ से परे है, वह खुद देश में अकेले चुनाव लड़ने में सक्षम है और अब समय आ गया है कि कांग्रेस के पक्ष में बदलाव की हवा चलने लगी है, तो इन आने वाले चुनावों में कांग्रेस अपना पतन स्वयं क्यों करवा रहा है? कांग्रेस संगठन के नेता गठबंधन में शामिल होकर बीजेपी को मजबूत करने की दिशा में आगे क्यो बढ़ रही है, क्या कांग्रेस के सभी कार्यकर्ता इस गठबंधन से सहमत हैं?क्या पीएम नरेंद्र मोदी जी की बात सच हो जायेगा 2024 लोकसभा चुनाव में हम न झुकेंगे न ही देश को झुकने देंगे और पूर्व के गठबंधन जैसे बिखर गया 2019 लोकसभा चुनाव में विपक्षी दलों के नेताओं की एकता वैसा 2024 के लोकसभा चुनाव में बिखर जायेंगे और पूर्व से भी बुरे हाल इन विपक्षी दलों के नेताओं की हो जायेगी या बची रहेगी इस विषय पर कांग्रेस पार्टी के नेताओं को गहन पूर्वावलोकन करनी चाहिए।